शिक्षक को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया जाता है. कहते हैं कि शिक्षक कभी भी साधारण नहीं होता प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं, लेकिन आज इस कलयुग में ये कहावत ही उलटी हो गई है. शिक्षक ही भ्रष्टाचार कर रहें हैं. पास कराने के लिए छात्रों से रुपये लेते हैं. लखीसराय के आरलाल कॉलेज के शिक्षक द्वारा प्रायोगिक परीक्षा में 500 रुपये की डिमांड के मामले में अब लोगों में आक्रोश है. लोग कार्यवाई की मांग कर रहें है, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
दरअसल, बीते 9 जुलाई को बीएससी के प्रायोगिक परीक्षा में ज्यादा अंक देने के लिए शिक्षक द्वारा 500 रुपये की डिमांड छात्र से की गई थी. जिसके बाद छात्र, अभिभावक और शिक्षक के बीच जमकर हंगामा हुआ था. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. शिक्षक का नाम प्रभात रंजन है. लगभग 10 दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षक प्रभात रंजन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से नाराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आरलाल कॉलेज के सामने मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति श्यामा रॉय का पुतला जलाया. साथ ही कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की है.
वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रेम किशन ने कहा कि जिस प्रकार से छात्रों के साथ अवैध वसूली की गई और जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे और उनके साथ अभद्रता के साथ पेश आना इसमें किसकी गलती है. इसका जबाब देना होगा. आज 10 दिन हो जाने के बाद भी प्रो. प्रभात रंजन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन मैं ये बता देना चाहता हुं कि जब तक प्रो. प्रभात रंजन को निलंबित नहीं किया जाता है इसी प्रकार से हम विरोध करते रहेंगे.
Source : News Nation Bureau