राष्ट्रीय जनता दल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी में अब लालू राबड़ी नहीं उनके पुत्रों का राज चल रहा है. पार्टी में ऊब न बड़ो का लिहाज है और न जरुरत. तभी तो एक समय लालू प्रसाद के खास रहे नेताओं को एक-एक कर पार्टी से बाहर जाना पड़ रहा है. राजद में लालू के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप यादव की मनमानी से पार्टी के कई वरिष्ठ नोताओं को अपमानित होना पड़ा है. ताजा शिकार जगदानंद सिंह हुए हैं. जगदानंद सिंह और राजद का संबंध निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है.
बिहार में लालू-राबड़ी परिवार से जगदानंद सिंह का रिश्ता बना रहेगा या नहीं यह जल्द ही साफ हो जायेगा. लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह से शुरू हुआ यह सिलसिला अब बढ़ता जा रहा है. जगदानंद सिंह का राजद कार्यालय से वास्ता खत्म किए हुए आठ दिन बीत गए. और उनको मनाने-समझाने के सारे प्रयास विफल साबित हुए हैं.
दरअसल, आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में 15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष ही तिरंगा फहराते रहे हैं, लेकिन इस बार जगदानंद सिंह ने 15 अगस्त को राजद कार्यालय नहीं आए. ध्वजारोहण के लिए किसी को अधिकृत भी नहीं किया. गंभीरता को देखकर लालू प्रसाद यादव ने मामले को अपने हाथ में लिया है. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.
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दरअसल तेज प्रताप यादव अपने बयानों से लालू के करीबियों को अपमानित करने में लगे हैं. इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, आरजेडी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पर भी तेज प्रताप के बयानों की गाज गिर चुकी है. रघुवंश तो इतने व्यथित हुए कि अपने आखिरी क्षणों में अस्पताल से ही लालू का साथ छोड़ने का एलान कर दिया था. फिर भी तेज प्रताप की जुबान रुकी नहीं, ठहरी नहीं. नतीजतन पुत्र के प्रति मोह से लालू के अपने लगातार बिछुड़ते जा रहे हैं.
यही नहीं तेज प्रताप के कारण ही लालू परिवार का पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के परिवार से संबंध खराब हुआ. तेज प्रताप की शादी दरोगा प्रसाद की पौत्री ऐश्वर्या राय के साथ हुई थी. छह महीने के भीतर ही मामला तलाक तक पहुंच गया। अभी अदालत में लंबित है.
HIGHLIGHTS
- जगदानंद सिंह चल रहे हैं राजद से नाराज
- लालू प्रसाद जगदाबाबू को मनाने में जुटे
- तेज प्रताप की बदजुबानी से कई नेता नाराज