महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि तेजस्वी को 'मंत्रिमंडल' भी सही तरीके से लिखनी नहीं आती है. अश्विनी ने कहा कि वह व्यक्ति जो इस मुद्दे को नहीं समझता है और कक्षा 10वीं की परीक्षा भी नहीं दे सका, वह नीतीश कुमार की आलोचना कर रहा है, जो एक योग्य इंजीनियर हैं.
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अश्विनी चौबे ने कहा, 'वह मंत्रिमंडल की स्पेलिंग भी नहीं लिख सकते. उनके पिता (लालू यादव) के पहले कैबिनेट के फैसले में वादा किया गया था कि एक लाख नौकरियां प्रदान की जाएंगी, लेकिन उन्होंने उनसे पैसे वसूले और नौकरियों के आवेदन अभी भी डस्टबिन में हैं.'
चौबे ने राजद और कांग्रेस के गठबंधन को 'गप्पू और पप्पू' करार दिया है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस-राजद गठबंधन के लोग गप्पू हैं और पप्पू केवल 'लप्पू' देंगे यानी झूठे लम्बे वादे कर रहे हैं और लोगों को जागरूक होना चाहिए.' इके साथ ही उन्होंने लोगों को झूठे वादों से सावधान रहने की सलाह भी दी.
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चौबे ने भारत के चुनाव आयोग के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया है कि बिहार में भाजपा का COVID-19 टीका वादा आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमने आयुष्मान भारत दिया, इसे और बढ़ावा देने की जरूरत है. टीका तीसरे चरण में है और अगर सब कुछ ठीक हो जाता है तो हम इसे मुफ्त में देंगे. मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं. सुशासन सरकार बेहतर सुविधाएं दे पाएगी अन्यथा लूट होगी.'
बता दें कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों पर सवाल पूछे थे. तेजस्वी ने कहा था, 'नीतीश जी मानते है कि उन्होंने बिहार में 15 वर्ष के शासनकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग चौपट करने के साथ-2 दो पीढ़ियों का वर्तमान और भविष्य बर्बाद किया है, इसलिए वो बेरोजगारी, नौकरी, कारख़ाने ,निवेश और पलायन पर कभी कुछ नहीं बोलते.'