मिशन 60 और मिशन क्वालिटी को लेकर सरकार एक ओर बार-बार अपने प्रतिबद्धता जाहिर करती है. वहीं, दूसरी ओर पूरा महकमा इस पर पलीता लगाने को उतारू है. ताजा मामला सुपौल सदर अस्पताल का है. जहां कायदे से ओपीडी सेवा सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे और शाम 4 से 6 बजे तक संचालित होनी है, लेकिन डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी हैं कि कभी समय से आते ही नहीं. आज सुबह से ही मेडिकल ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी कतार लगी है, लेकिन डाक्टर अबतक अस्पताल नहीं पहुंचे है.
पैथलॉजी लैब के इंचार्ज भी रहते हैं गायब
सिविल सर्जन को जब ममाले की सूचना मिली तो आनन-फानन में डॉक्टर चंदन कुमार को बुलाया गया और खुद सिविल सर्जन डॉ. मिहिर कुमार वर्मा ने भी ओपीडी में मोर्चा संभाल लिया. इस बीच सिविल सर्जन नदारत डॉक्टरों का बचाव करते भी दिखे. कुछ ऐसा ही हाल सदर अस्पताल के पैथलॉजी लैब का भी है. जहां लैब इंचार्ज गंधेश मिश्रा को भी 11 बजे तक सदर अस्पताल पहुंचने की फुर्सत नहीं मिलती है. जिसका परिणाम ये है कि कोई रिपोर्ट लेने तो कोई जांच सैंपल देने के लिए सुबह से ही इंतजार में बैठा है. सोमवार को ही सेंपल दे चुके मरीज अब बिना रिपोर्ट के दवा लें भी तो कैसे.
सिविल सर्जन ने कार्रवाई की कहीं बात
वहीं, इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. मिहिर कुमार वर्मा ने बताया कि डॉ संतोष कुमार मुखिया आरबीएस के कार्य से क्षेत्र में गए हैं. जबकि डॉ विकास कुमार ने एक्स्ट्रा ड्यटी की है, लेकिन ओपीडी और लैब में डॉक्टर तथा स्वास्थ्य कर्मियों की लेट लतीफी के सवाल पर वो बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि, सदर अस्पताल में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है.
रिपोर्ट - केशव कुमार
HIGHLIGHTS
- डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कभी समय से नहीं आते
- पैथलॉजी लैब के इंचार्ज भी रहते हैं गायब
- सिविल सर्जन ने कार्रवाई की कहीं बात
Source : News State Bihar Jharkhand