बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार को राज्य सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है बिहार सरकार का नया नारा है, 'क्वारंटीन गया कोरोना लाने'. तेजस्वी ने गुरुवार को सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 50 दिनों से दूसरे प्रदेशों में भूखे-प्यासे फंसे, हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर, मुसीबतें झेलकर अपने प्रदेश पहुंचे प्रवासी बिहारवासियों के साथ बिहार सरकार (Bihar government) का सलूक अमानवीय है.
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उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'स्टेशन से चली सुशासनी बस क्वारंटीन सेंटर पहुंचाने की बजाय देर अंधेरी रात अप्रवासी मजदूरों को सड़कों पर छोड़ देती है.' उन्होंने कहा, 'बिहार सरकार की नई स्कीम है, अपना भाड़ा देकर ट्रेन से आओ, भूखे मरो, बस में बैठाओ, बीच रास्ते उतारो, फिर पैदल घर जाओ.'
राजद नेता ने आगे कहा कि प्रतिदिन तकरीबन हर जिले से ऐसी खबरें, वीडियो सामने आ रही हैं जो सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं. स्टेशन से बसों में आ रहे अप्रवासियों के साथ कोई मजिस्ट्रेट और अधिकारी भी नहीं रहता. ऐसा प्रतीत होता है, जैसे बिहार सरकार का नया नारा हो, 'क्वारंटीन गया कोरोना लाने.' असंवेदनशीलता की भी कोई तो सीमा होती होगी?
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तेजस्वी ने सवालिया लहजे में कहा, 'क्या बिहार सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के साथ जो सलूक किया जा रहा है वह माफी के लायक है? क्या अप्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर नहीं भेज बिहार सरकार संक्रमण को न्यौता नहीं दे रही?'
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