बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के प्रदर्शन से उत्साहित तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नीतीश सरकार के खिलाफ आक्रमाक तेवर ही अख्तियार किए हुए हैं. अब तेजस्वी ने बिहार की एनडीए सरकार को निकम्मी और डरपोक करार देते हुए कहा है कि बिहार सरकार ने किसानों के पक्ष में धरना देने के लिए उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. तेजस्वी ने चुनौती दी है कि अगर इस सरकार में दम है तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए अन्यथा वे खुद गिरफ्तारी देंगे. तेजस्वी ने कहा कि किसानों के लिए वह फांसी पर भी चढ़ने को तैयार हैं.
डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निक्कमी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर FIR दर्ज की है। दम है तो गिरफ़्तार करो,अगर नहीं करोगे तो इंतज़ार बाद स्वयं गिरफ़्तारी दूँगा।किसानों के लिए FIR क्या अगर फाँसी भी देना है तो दे दिजीए। https://t.co/3B30VF3asY
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 6, 2020
बता दें कि तेजस्वी यादव ने शनिवार को अपने समर्थकों के साथ पटना के गांधी मैदान में नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर धरना दिया था. तेजस्वी ने इस दौरान कहा था कि जो व्यक्ति कड़ी मेहनत करने वाले किसान के भले की नहीं सोच सकता है, वह कभी भी इंसान और इंसानियत में यकीन नहीं कर सकता. किसान समस्त मानव जाति का पालनहार है. जो किसान का नहीं, वह देश का हितैषी नहीं.
तेजस्वी के इस धरने के खिलाफ पटना पुलिस ने तेजस्वी यादव और उनके 18 समर्थकों और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ बिना अनुमति धरना देने का केस दर्ज किया है. पुलिस ने आईपीसी और महामारी कानून की अलग अलग धाराओं के तहत ये केस दर्ज किया है. तेजस्वी यादव प्रशासन की ओर से की गई इस एफआईआऱ पर भड़क गए हैं. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निकम्मी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर एफआईआऱ दर्ज की है. दम है तो गिरफ्तार करो, अगर नहीं करोगे तो इंतजार बाद स्वयं गिरफ़्तारी दूंगा. किसानों के लिए एफआईआर क्या अगर फांसी भी देना है तो दे दीजिए.
शनिवार को तेजस्वी यादव ने कहा था कि धनदाता और अन्नदाता की इस लड़ाई में हम अन्नदाता के साथ खड़े हैं. क्या किसानों के समर्थन में आवाज उठाना, उनकी आय दोगुनी करने के लिए नए कानूनों में अनिवार्य रूप से एमएसपी की मांग करना, खेत-खलिहान को बचाने की लड़ाई करना अपराध है? अगर है तो हम यह अपराध बार-बार करेंगे? बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल भी नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है.
Source : News Nation Bureau