बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने खगड़िया जिले से प्रदेश के 222 प्रवासी मजदूरों के तेलंगाना लौटने को लेकर राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) नीत जदयू-भाजपा गठबंधन सरकार पर शुक्रवार को निशाना साधते हुए कहा कि यह 'उसकी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा' है. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बृहस्पतिवार देर रात एक ट्रेन से 222 श्रमिकों को तेलंगाना भेजा है. संवेदनहीनता की भी एक सीमा होती है. एक ओर जहाँ सभी राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य के निवासियों को वापस लाकर उनकी बेहतरी में दिन-रात प्रयासरत हैं, वहीं लॉकडाउन (Lockdown) से पहले बिहार लौटे प्रवासी मज़दूरों को बिहार सरकार वापस बाहर भेज रही है.
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राजद नेता ने ट्वीट किया, 'इस मुश्किल दौर में सरकार प्रायोजित ‘रिवर्स माइग्रेशन’ की यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना इनके (नीतीश शासन की) 15 वर्षों की असफलताओं का जीता-जागता स्मारक है.' उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री के उस फ़र्ज़ी दावे की भी पोल खोल रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रवासी मज़दूरों का कौशल सर्वे करा बिहार में ही उन्हें रोज़गार मुहैया किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह तो सरकार द्वारा बलपूर्वक पलायन है.
तेजस्वी ने कहा, 'अगर इन मज़दूरों को वहां कुछ होता है तो क्या बिहार सरकार इसकी ज़िम्मेदारी लेगी? आख़िर इतनी जल्दबाज़ी क्यों है? क्या सरकार को उनके स्वास्थ्य और गरिमा की फ़िक्र और सम्मान नहीं करना चाहिए ? यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. काश ! सरकार द्वारा इतनी तत्परता प्रवासी मज़दूरों को वापस लाने में दिखाई जाती.'
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वहीं, उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर आरोप लगाया, 'देश जब कोरोना वायरस संक्रमण, लाकडॉउन और मजदूरों-गरीबों की अधिकाधिक मदद की तिहरी चुनौतियों से जूझ रहा है, तब कांग्रेस-राजद जैसी वंशवादी पार्टियों के युवराज सरकार के हर कल्याणकारी कदम में खोट निकालने को ही जनसेवा मान रहे हैं.’ उन्होंने कहा, 'जिनके राज में बिहार से लाखों लोगों का महापलायन हुआ, लेकिन मजदूरों को रोकने की कोई योजना नहीं बनी, वे आज परम संवेदनशील दिखने का नाटक कर रहे हैं.'
सुशील ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, 'जम्मू-कश्मीर में निर्दोष लोगों को बाढ़ से लेकर आतंकवादी हमलों तक से बचाने में लगी सेना की गलत तस्वीर दुनिया के सामने पेश करने वाले तीन फोटोग्राफरों को पुलित्जर पुरस्कार मिलने की बधाई देकर राहुल गांधी ने फिर से साबित किया कि वह टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ हैं.' उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना से सबूत मांगे और धारा 370 हटाने का विरोध किया, लेकिन आतंकी सरगना को मार गिराने में सेना को बधाई नहीं दी. कांग्रेस राजग सरकार का विरोध और भारत विरोध में फर्क करना भूल गई है.'
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