लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम लगातार रैलियां करते नजर आ रहे हैं. तेजस्वी अब तक 200 से ज्यादा रैलियां कर चुके हैं. वहीं, अपनी चुनवी रैली में तेजस्वी लगातार पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं और उन्हें झूठा बता रहे हैं. इस बीच एक बार फिर तेजस्वी ने पीएम को लंबा चौड़ा पत्र लिखा है, जिसे लेकर जमकर सियासी बयानबाजी शुरू हो चुकी है. तेजस्वी ने पत्र लिखकर पीएम के सामने संविधान और आरक्षण समेत कई मुद्दों पर सवाल उठाया है. तेजस्वी प्रसाद यादव नेता लिखा कि चुनावी मौसम में ही आप बिहार आते है कल आप फिर बिहार आए और एक बार फिर आपने सभी लोगों को भ्रमित करने की असफल कोशिश की. मैं आपके समक्ष कुछ बातें रखना चाहता हूं. प्रधानमंत्री जी.
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तेजस्वी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
आपको याद होगा कि बिहार से हम सब अगस्त 2021 में आपके पास जातिगत जनगणना की मांग को लेकर आए थे और आदरणीय नीतीश जी की जदयू समेत और भी दल मेरी इस मांग के पक्ष में थे. जातिगत जनगणना का प्रस्ताव मेरी ही पहल पर सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा में पास कराया गया. हम सभी ने मिलकर आपसे जातिगत जनगणना की मांग की थी लेकिन आपने एकदम हमारी यह मांग ठुकरा दी थी. हम सबको पीड़ा हुई आपकी संवेदनशून्यता से लेकिन क्या ही कहे. जब हम बिहार में सरकार में आए तो हमने सरकार में आते ही राज्य के खर्चे पर जातिगत सर्वेक्षण कराया. उसकी हकीकत से आपको भी अवगत कराया गया.
आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
प्रधानमंत्री जी, हमने उस सर्वेक्षण के आलोक में आरक्षण का दायरा 75% तक बढ़ाया और आपसे बार-बार गुजारिश करते रहे और हाथ जोड़कर मांग करते रहे कि इसको संविधान की नौंवी अनुसूची में डालिये, लेकिन प्रधानमंत्री जी, मूलतः आप पिछड़ा और दलित विरोधी मानसिकता के हैं. आपने हमारी इस महत्वपूर्ण आग्रह जिसके पक्ष में बहुजन स्वर था पर कोई विचार नहीं किया. 10 दिसंबर 2023 को पटना में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री से भी इसकी माँग की गयी थी. आप उनसे पूछ सकते हैं.
प्रधानमंत्री जी, आपके नाम खुला ख़त है। जरा समय निकाल जातिगत जनगणना, आरक्षण, मंडल कमीशन और संविधान पर अवश्य ही अपना ज्ञानवर्धन कर लीजिएगा। #TejashwiYadav pic.twitter.com/1BxNSVzmRv
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 26, 2024
आज आप बिहार आये और यहां आ कर के आप जितनी कुछ आधारहीन, तथ्यहीन और झूठी बातें कर सकते थे, आपने की. अब आपसे अपेक्षा नहीं है कि आप अपने पद की गरिमा का ख़्याल रख विमर्श को ऊँचा रखेंगे. लेकिन आज आप "भैंस, "मंगलसूत्र" के रास्ते होते हुए "मुजरा" तक शब्दावली पर आ गए. सच कहूं तो हमें आपकी चिंता होती है. क्या इस विशाल हृदय वाले देश के प्रधानमंत्री जी की भाषा ऐसी होनी चाहिए? आप सोचिए और निर्णय कीजिए मुझे और कुछ नहीं कहना है.
आरक्षण को खत्म करने का नायाब तरीका
आपने बाबा साहेब का आरक्षण खत्म करने का एक नायाब तरीका ढूँढा है क्योंकि संविधान की धारा 15 और धारा 16 के तहत आरक्षण सरकारी नौकरियों में मिलता है. आपने रेलवे, सेना और अन्य विभागों से सरकारी नौकरियां ही खत्म कर दीं, तो फिर आरक्षण की अवधारणा कहा जाएगी, लेकिन ये गंभीर चिंता आपकी प्राथमिकताओं में है ही नहीं. हम तो आप से कई बार आग्रह कर चुके हैं संसद में, सड़क पर, सदन में, कि आप प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की व्यवस्था करिए ताकि एक व्यापक बहुजन आबादी दलित समुदाय और अन्य वंचित समूहों को उनको उनका वाजिब संवैधानिक हक़ मिले.
आपकी भाषा गरीब विरोधी
प्रधानमंत्री जी. पांच किलो राशन को भी आप "मुफ़्त" कहते रहते हैं। यह तो हमारे देश के नागरिकों का संविधान प्रदत्त न्यूनतम अधिकार है. आपकी भाषा और भाव मूलतः गरीब विरोधी है. मैं आपसे लगातार नौकरी, आर्थिक- सामाजिक न्याय और मंहगाई और बिहार को विशेष राज्य पर सवाल करता रहा हूँ लेकिन आपकी रहस्यमयी चुप्पी समस्त बिहारवासियों को हताश कर रही है. आपसे कितनी बातें कहूं? बस इतना कह सकता हूँ की बस अब चुनाव का एक ही चरण बचा है. हमारी जो भी मांग है आरक्षण को लेकर, संविधान को लेकर और आर्थिक सामाजिक न्याय के संदर्भ में उन सब पर गौर फरमाइए। सीधे तौर पर आकर कहिए कि आप अपने प्रेरणा स्रोत गुरुजी गोलवलकर की "बंच ऑफ़ थॉटस" किताब से सहमत नहीं है.
आपकी चुनावी भाषणों का पैमाना गिरता जा रहा
क्या आप कह पायेंगे? यह भी कह दीजिये की आप पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, दलित, तमाम वर्गों को उनका समुचित आरक्षण प्राइवेट सेक्टर में भी देने की मांग से सहमत हैं. अगर आपसे यह सब नहीं कहते बन रहा है, तो जनता समझ लेगी कि आपकी चुनावी भाषणों का गिरता पैमाना ही आपकी राजनैतिक सोच का सही प्रतिबिम्ब है. कौन भूल सकता है कि 1990 में जब मंडल कमीशन लागू हुआ था तब मंडल कमीशन के विरोध में आप आडवाणी जी के साथ आरक्षण विरोधी रथ के सारथी थे। बहुजन दलित समुदाय कैसे भूल जाएँ?
भ्रम फैलाने और नफरत परोसने की राजनीति से परहेज करिए
समस्त दलित/पिछड़ा-अतिपिछड़ा और आदिवासी जानते है कि बीजेपी और आप बाबा साहेब, बिरसा मुंडा, मान्यवर कांशीराम लोहिया जी और मंडल कमीशन के कट्टर वैचारिक दुश्मन है. भाषण नहीं अपने एक्शन से बतायें श्रीमान जी और हां. इस पत्र के साथ मैं गुजरात में ओबीसी कैटगरी के अंतर्गत मुस्लिम जातियों की सूची भी संलग्न कर रहा हूँ. शायद आपको ज्ञान और ध्यान भी ना रहा हो कि गुजरात में मुस्लिम समुदाय की जातियों को भी आरक्षण मिलता है. आप 13 बरस से ज्यादा अरसे तक इस राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. अतः भ्रम फैलाने और नफरत परोसने की राजनीति से परहेज करिए.
34 साल के युवा तेजस्वी को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं
लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने की बजाय आप युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए संघर्षशील एक 34 साल के युवा तेजस्वी को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. क्या ऐसी धमकी देकर आप संविधान की धज्जियाँ नहीं उड़ा रहे है? चुनाव आएंगे और जाएँगे लेकिन संविधान, देश की सामाजिक संरचना और इसकी बनावट पर अब और आघात मत कीजिये.
शुभकामनाओं सहित !
आपका,
तेजस्वी प्रसाद यादव नेता प्रतिपक्ष बिहार विधानसभा
HIGHLIGHTS
- तेजस्वी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
- आरोप के साथ पूछे कई सवाल
- कहा- तेजस्वी को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं
Source : News State Bihar Jharkhand