Tejashwi Yadav Salary Scam: बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसे लेकर प्रदेश में अभी से सियासी पारा हाई हो चुका है. पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जेडीयू ने गंभीर आरोप लगाया है. जेडीयू ने तेजस्वी पर सैलेरी घोटाला का आरोप लगाते हुए 700 पन्नों का दस्तावेज राज्य निर्वाचन आयोग के सामने पेश किया है और उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है.
जेडीयू ने तेजस्वी पर लगाया सैलेरी घोटाले का आरोप
बता दें कि लालू परिवार पर पहले से ही लैंड फॉर जॉब और चारा घोटाले को लेकर केस चल रहा है. जिसकी वजह से लालू परिवार ईडी, सीबीआई की रडार पर बने रहते हैं. इस बीच जेडीयू ने तेजस्वी पर सैलेरी घोटाला का आरोप लगाया है. दरअसल, यह पूरा मामला साल 2015-2020 की बताई जा रही है. जेडीयू का आरोप है कि तेजस्वी ने इस दौरान अपनी सैलेरी काफी कम करके बताई थी और इसकी सही जानकारी लोगों से छिपाई थी.
700 पन्नों का दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपा
तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उन्होंने पांच साल में अपनी सैलेरी 89 लाख रुपये दिखाई है, जबकि उन्होंने 4 करोड़ रुपये तो लोगों को कर्ज में दे रखा है. 700 पन्नों का हलफनामा निर्वाचन आयोग को सौंपते हुए जेडीयू ने कहा कि 2015 में तेजस्वी ने अपनी प्रतिवर्ष आय 5.60 लाख रुपये दिखाई थी, लेकिन उस समय उन्होंने 1.13 करोड़ रुपये का कर्ज लोगों को दे रखा था.
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क्या जाएगी तेजस्वी यादव की सदस्यता?
2020 में तेजस्वी ने अपनी सलाना आय 1.41 लाख रुपये बताया. इसका मतलब यह है कि प्रति महीने उनकी आय 11,812 रुपये है. इस आय को बताते हुए जेडीयू ने सवाल खड़े किए कि किसी भी विधायक की न्यूनतम सैलेरी 40 हजार रुपये होती है. फिर तेजस्वी ने अपनी आय 11 हजार रुपये कैसे दिखाया? जेडीयू ने अपनी शिकायत में तेजस्वी पर धारा 123 (2) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.
जांच के लिए तैयार तेजस्वी यादव- आरजेडी
जेडीयू के द्वारा तेजस्वी पर लगाए गए सैलेरी घोटाला पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी यादव युवाओं के चहते हैं और उनके पीछे ईडी, सीबीआई, इलेक्शन कमीशन सब हैं. जेडीयू ने ही सम्राट चौधरी की फर्जी डिग्री पर सवाल उठाया था, लेकिन अब उसकी जांच नहीं हो रही है. जेडीयू को पहले इसकी जांच करवानी चाहिए. हम जांच के लिए तैयार हैं, जांच करवा लीजिए.