लालू प्रसाद यादव के लाल तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच मची कलह दूर होते नहीं दिख रही है. तेजस्वी की ओर से नसीहत और बड़े बुजुर्गों का पाठ पढ़ाए जाने के बावजूद तेजप्रताप के बगावती तेवर कायम हैं. अब तो उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद नाम से एक नए संगठन की घोषणा कर दी है. इस बारे में उन्होंने ट्वीट में कहा कि जैसे सभी पार्टियों का एक अंग होता है, उसी तरह हमने भी राष्ट्रीय जनता दल का एक नया संगठन बनाया है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय के लिए आवाज उठाएगा. तेजप्रताप ने इस संगठन का अध्यक्ष प्रशांत प्रताप को बनाया है. जाहिर है हर मुद्दे पर बिहार की नीतीश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को घेरने वाले यादव बंधुओं की इस रार पर भारतीय जनता पार्टी ने जमकर चुटकी ली है.
जगदानंद सिंह का विरोध भी इसी आड़ में
माना जा रहा है कि तेजप्रताप के इस पैंतरे के पीछे छात्र राजद में जगदानंद सिंह के हस्तक्षेप का परोक्ष विरोध शामिल है. गौरतलब है कि जगदानंद सिंह ने आकाश यादव को हटाकर गगन कुमार को छात्र राजद का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. इसके बाद तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच वाक् युद्ध हुआ और तेजप्रताप कुछ दिनों की आध्यात्मिक शांति के लिए मथुरा-वृंदावन आ गए थे. तेजप्रताप का दावा है कि उनका यह नया संगठन बिहार के बाहर भी छात्रों की आवाज उठाएगा. तेजप्रताप का दावा है कि इसके लिए उन्होंने बयाकदा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से आशीर्वाद ले लिया है.
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पहले भी बनाएं है कई अलग-अलग संगठन
गौरतलब है कि तेजप्रताप ने इसके पहले पहले भी राजद से अलग लालू-राबड़ी मोर्चा बनाया था. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तर्ज पर उन्होंने धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) नाम से भी संगठन बनाया था. हालांकि नए संगठन के बारे में उन्होंने दावा किया कि यह राजद का अंग होगा, जो शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बेरोजगारी के मुद्दे को उठाएगा. कहा कि अन्य दलों के अनुषंगी संगठनों की तरह ही यह राजद के लिए काम करेगा. तेजप्रताप का कहना है कि छात्र जनशक्ति परिषद का विस्तार गांव-गांव तक होगा. संगठन की पंचायत चुनाव में भी भागीदारी होगी. इसके सदस्य चुनाव लड़ सकेंगे और उन्हें भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा.
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बीजेपी ले रही जमकर मौज
जाहिर है कि तेजप्रताप के इस कदम पर भाजपा को चुटकी लेने का मौका मिल गया है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जी सामाजिक न्याय का ढिंढोरा पीटते रहे, लेकिन वे अपने परिवार में ही न्याय नहीं कर सके. पारिवारिक सदस्यों के बीच वरिष्ठता के लिहाज से उन्होंने उनकी सम्मानजनक भूमिका तय नहीं की. अब बड़ी बेटी मीसा भारती और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव जबरन धकिया कर परिवार और राजनीति के सिस्टम से बाहर कर दिए गए हैं. परिवार और राजनीति की पूरी विरासत लालूजी ने छोटे बेटे तेजस्वी यादव जी को सौंप दी है. ऐसे में निश्चित तौर पर परिवार के उपेक्षित सदस्यों की कुंठा तो सामने आएगी ही.
HIGHLIGHTS
- छात्र जनशक्ति परिषद नाम से नए संगठन की घोषणा
- जगदानंद सिंह के विरोध स्वरूप उठाया गया कदम
- यादव परिवार में और गहराई आंतरिक राजनीति