देश में PFI पर बैन के बाद भी PFI की देश विरोधी गतिविधियां जारी हैं. बिहार में बड़ा खुलासा हुआ कि कैसे राम मंदिर के साथ टारगेट किलिंग की तैयारी थी. दो दिनों से चल रहे NIA की छापेमारी और जांच में कई खुलासे हुए हैं. आपको बता दें कि 31 जनवरी को देवशिलाएं नेपाल के जनकपुर से बिहार होते हुए अयोध्या जा रही थी. जब ये शिलाएं चंपारण से गुजर रही थी तो एक वीडियो वायरल हुआ. वायरल वीडियो में एक शख्स बाबरी मस्जिद के बदले की बात करते हुए धमकी देते देखा गया. जिस पर सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हुए और इसी बीच NIA को ये भी खबर मिली कि इन इलाकों में गोला बारूद जमा किए जा रहे हैं.
PFI के टेरर मॉड्यूल का खुलासा
3 फरवरी की रात NIA ने बिहार पुलिस से संपर्क साधा और फिर ताबड़तोड़ छापेमारी की शुरुआत हुई. NIA की टीम ने मोतिहारी में लगातार दो दिन छापेमारी की. मोतिहारी में मौजूद PFI मॉडयूल का सीधा संबंध फुलवारी शरीफ वाले मॉडयूल से जुड़ गया है. NIA इस मामले में दर्ज केस कर फुलवारी शरीफ में हुई कार्रवाई से संबंधित केस से जोड़ते हुए जांच कर रही है. जानकर बता रहे कि ये एक खतरनाक मंसूबे का खुलासा है.
धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश
चंपारण के बाद NIA ने मुजफ्फरपुर में भी छापेमारी की है. साहिबगंज में खासतौर PFI ट्रेनर याकूब और रियाज के जुड़े लिंक की तलाश को लेकर ये छापेमारी की गई. इन जगहों से 5 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है. इनको अवैध हथियार जुटाने और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रचने की वजह से गिरफ्तार किया गया है. PFI से जुड़े संदिग्ध लोगों ने मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण समेत कुछ अन्य स्थानों पर हमले के लिए रेकी तक कर ली थी. हथियार और विस्फोटक भी जमा कर लिए गए थे और इन्हें PFI के ट्रेनर याकूब के पास लाकर रख दिया गया था.
कई बड़े खुलासे
सभी ठिकानों पर छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्धों के पास से मोबाइल और लैपटॉप समेत कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. जांच के बाद कई तरह के महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है. NIA मोतिहारी मॉड्यूल के फंडिंग पैटर्न की जांच अलग से कर रही है. पूरे मामले में इन्हें फंडिंग कहां से होती थी और कौन लोग थे, जो इन्हें लगातार पूरे मामले में फंडिंग कर रहे थे.
NIA के मुताबिक एजेंसी को सूचना मिली थी कि किसी नामचीन नेता की हत्या कर सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने की साजिश रची जा रही है. इसी इनपुट के आधार पर NIA ने तनवीर रजा उर्फ बरकती और मोहम्मद आबिद को गिरफ्तार किया. इधर इस पूरे मसले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. BJP विधायक श्यामबाबू यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने PFI को देश विरोधी गतिविधियों के कारण प्रतिबंधित किया है, लेकिन राज्य सरकार ने इनकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाया है. वहीं, RJD इसे बीजेपी की ही साज़िश बता रही है.
अब भले ही इस मामले में राजनीति हो रही है, लेकिन जिस तरीके से एक नई साज़िश का खुलासा हुआ है ये काफी खतरनाक है. क्योंकि गिरफ्तार किए गए PFI के सदस्यों के मंसूबे और क्या क्या थे इसका खुलासा अभी होना बाकी है.
रिपोर्ट : रजनीश सिन्हा
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HIGHLIGHTS
- PFI के टेरर मॉड्यूल का खुलासा
- टारगेट किलिंग की हो रही थी तैयारी
- मोतिहारी में दो दिन तक चली छापेमारी
- देश को दहलाने की साजिश नाकाम
Source : News State Bihar Jharkhand