बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत सबके सामने है. स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव भले ही ये कहते हुए नजर आते है कि राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने वो लगे है. सारी व्यवस्था की जा रही यही है. लेकिन लखीसराय में हुई घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि असल सचाई क्या है. 6 साल के बच्चे की जान एक झोला झाप डॉक्टर के कारण चली गई. बच्चे के सिर पर चोट आई थी जिसे प्राथमिक उपचार के लिए उसके पास ले जाया गया था . तब तक बच्चा ठीक था लेकिन जैसे ही डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया उसकी हालत बिगड़ गई. फिर परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पूरा मामला लखीसराय रामगढ़ थाना क्षेत्र के दुर्दीह गांव की है. बताया जा रहा है कि रात में पढ़ने के दौरान बड़े भाई ने छोटे भाई के सर पर सिलेट से मार दिया था . जिससे छोटा भाई घायल हो गया. उसे इलाज के लिए झोला छाप डॉक्टर के पास ले जाया गया. जहां बच्चे के इलाज के बाद एक इंजेक्शन दी गई. उसके बाद बच्चे की हालत और गंभीर हो गई तथा सदर अस्पताल लाने के दौरान बच्चे की मौत हो गई.
कमलेश पासवान के 6 वर्षीय पुत्र अमन कुमार रात में घर में बैठ कर पढाई कर रहे थे. इसी दौरान दोनों भाई में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और फिर बड़े भाई 8 वर्षीय शिवम कुमार ने छोटे भाई के सर पर सिलेट से वार कर दिया. जिससे उसका सर फूट गया सर फूटने के बाद परिजन दौड़कर उसे ग्रामीण चिकित्सक के पास ले गए . जहां चिकित्सक के एक इंजेक्शन से उसकी हालत और गंभीर होने लगी. जिसके बाद परिजनों के द्वारा उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्चे की मौत बाद परिजनों में कोहराम मच गया.
लेकिन हैरानी की बात है कि अस्पताल की लापरवाही देखने को मिली सदर अस्पताल से बच्चे को कंधे पर लेकर पिता खुद ही बहार आया और अपने वाहन से घर ले गया. उन्हें एक एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुआ ना ही उन्हें एशटेचर दिया गया.
Source : News State Bihar Jharkhand