केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे जब कैमूर के दौरे पर थे तो उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा था कि मुख्यमंत्री नपुंसकता पर चले गए हैं . बिहार में लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ रही है. लेकिन, मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं. फिर से बिहार में जंगलराज रिटर्न की घटनाएं दोहराई जा रही है. जिसे लेकर अब महागठबंधन उनका विरोध करते नजर आ रही है. बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. JDU ने कहा कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
हम प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री को इस तरह की टिप्पणी शोभा नहीं देती है. अगर बिहार में अपराध को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उंगली उठा रहें हैं तो उन्हें अपने ही केंद्र सरकार के NCRB का डाटा देख लेना चाहिए जिसमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आपराधिक वारदात की बात कही गई है. मतलब साफ़ है कि अगर बीजेपी शासित राज्यों में अपराध होता तो वो बीजेपी के नेताओं को लीला दिखाई देती है और दूसरे राज्यों में अपराध होता है तो उसे ये कैरेक्टर ठिला कहते हैं.
वहीं, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके उम्र का तकाजा है वो हताश और बेचैन क्यों है हमें समझ में आ रहा है. अब बीजेपी की उम्र नजर आ रही है. मुख्यमंत्री को लेकर ऐसा बयान देना बताता है कि उनकी मानसिक स्थिति खो गई है. अब उनकी उम्र हो गई है उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए और आराम कर अपने सेहत पर धयान देना चाहिए .
आपको बता दें कि, अश्विनी चौबे ने कहा था कि पूरी दुनिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर देख रही है. बिहार के उपचुनाव में भी हम ही विजय प्राप्त करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि 'बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नपुंसकता के शिकार पर चले गए हैं. 2 दिन से हत्याएं हो रही है. लेकिन सरकार संवेदनहीन है पूरी तरह से. मुख्यमंत्री से मैं कहना चाहूंगा कि आप से बिहार चलने वाला नहीं है. बिहार में जो आपने प्रगति किया है उससे निजात दिलाई है और इस्तीफा देकर तपस्वी का जीवन यापन करिए'.
Source : News State Bihar Jharkhand