उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर जिला के चौबेपुर कस्बे से बिहार के बेगूसराय आई बारात यहां 45 दिनों से फंसी हुई है. कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) दूल्हा समेत 10 बाराती लड़की वालों के यहां ठहरे हैं. लड़के वालों के पास जब पैसे खत्म हो गए तो दुल्हन खुद उन सभी बारातियों की खाने की खर्चा उठा रही है. इतना ही नहीं, दोनों पक्ष के लोग एक दूसरे की मदद करते नजर आ रहे हैं. ट्रेन से से आई बारात को अब रेल सेवाएं बहाल होने का इंतजार है.
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चौबेपुर के हकीम नगर मोहल्ले से महबूब खान के 30 वर्षीय पुत्र इम्तियाज की शादी बेगूसराय के बलिया प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर गांव की खुशबू खातून के साथ हुई है. बारात में दूल्हा इम्तियाज, पिता महबूब, मां शरीना बेगम, दूल्हे के खालू (मौसा) मझवन निवासी जलील खान, बहनोई नदीम नाजीन, मासूम नुजन, बिचवानी रियाज अहमद व पड़ोसी अकरम 20 मार्च को ही फतेहपूर गांव आए थे.
21 मार्च को मुस्लिम धर्म के मुताबिक, निकाह की रस्म अदा की गई थी. सभी दस बारातियों को अगले दिन दुल्हन के साथ अपने घर कानपुर लौटना था. मगर 22 को जनता कर्फ्यू लग गया. जिसके बाद लॉकडाउन के कारण आवागमन बन्द हो गया. कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन व प्रतिबंधों के चलते दूल्हा Qj बाराती सभी करीब 45 दिन से लड़की वालों के यहां रह रहे हैं, ऐसे में लड़की के परिवारवालों पर भी अब इतने लोगों के देखभाल का दबाव बनता जा रहा है. ऐसे में लड़की पक्ष ने 45 दिन बाद हाथ खड़े कर दिए हैं.
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वहीं दुल्हन खुशबू खातून ने बताया कि इतने सारे लोगों को खाना खिलाना कितना मुश्किल हो रहा है. जिससे हम घर वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अगर प्रशासन इन बारातियों के खाने का खर्चा उठा ले तो हम लोगों की परेशानी कम हो जाएगी. उधर, इम्तियाज ने कहा कि उसने स्थानीय अधिकारियों के पास अपना नाम दर्ज करा लिया है और दुल्हन के साथ अब अपने घर लौटना चाह रहा है.
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