बिहार (Bihar) के वैशाली में जिला प्रशासन ने शुक्रवार को उन खबरों को खारिज किया, जिनमें कौवों और आवारा कुत्तों द्वारा नोची जा रही एक अधजली लाश को लेकर दावा किया गया था कि यह कोविड-19 (Covid-19) के मरीज का शव है. सोशल मीडया में वायरल एक वीडिया में दिखाया जा रहा था कि कौवें और आवारा कुत्ते एक लाश को नोच रहे हैं. इस वीडियो की खबर स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा भी प्रसारित की गई और कहा गया कि यह लाश 35 वर्षीय व्यक्ति की है, जोकि पृथक-वास केंद्र में मृत पाया गया था.
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जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कहा, 'ये भ्रामक और शरारती दावे हैं.' सिंह ने एक प्रेसवार्ता में कहा, 'अधजली लाश पक्के तौर पर कोविड-19 के मरीज की नहीं है. यद्यपि हम लाश की शिनाख्त करने में समर्थ नहीं हैं. अफवाहों के बाद अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था और अधजली लाश का अंतिम संस्कार किया गया.' दिल्ली से लौटने के बाद व्यक्ति को अंबेडकर हॉस्टल के पृथक-वास केंद्र में रखा गया था, जहां उसका शव छत से लटकता पाया गया था.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोनहारा घाट के निवासियों ने आरोप लगाया कि बुधवार रात को व्यक्ति का अंतिम संस्कार बेहद लापरवाही से किया गया, क्योंकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को संक्रमण का डर था. हालांकि, जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने ही वायरस संक्रमण के खतरे डर से अंतिम संस्कार के समय विरोध किया था. उन्होंने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के समय तक परिवार का कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि जाहिर है संक्रमण के डर से कोई नहीं आया और अधिकारियों ने ही इसका ध्यान रखा कि अंतिम संस्कार सही से किया जाए.
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