एक तरफ सूबे की सरकार एवंम स्वास्थ विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ विभाग को बेहतर बनाने का दावा किया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ धमदाहा में एक अस्पताल ऐसा भी है. जो अपनी बदहाली पर वर्ष 2014 से आंसू बहाने को मजबूर है. इसकी सुध लेने की फुरसत किसी के पास नहीं है. हम बात कर रहे हैं धमदाहा प्रखंड के अमारी गांव में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की करोड़ों की लागत से इस अस्पताल का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में हीं पूर्ण हो गया, लेकिन स्वास्थ विभाग की लापरवाही के कारण यह अस्पताल आजतक चालू नहीं हो पाया और वर्तमान समय में इसपर अतिक्रमकारियों का कब्जा हो गया है. यहां मवेशी बांधने के साथ साथ खलिहान के रूप में उपयोग किया जा रहा है.
अस्पताल भवन अतिक्रमण का हुआ शिकार
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जब करोड़ों रुपये खर्च करके इस अस्पताल का निर्माण हमारे गांव में हुआ तो इस पूरे इलाके के लोग इस बात से खुश थे कि अब इस पूरे इलाके के दर्जनों गांव के मरीजों को इलाज हेतु धमदाहा नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन स्वास्थ विभाग ने निर्माण कार्य पूर्ण होते हीं इसे भुला दिया गया. जिसका नतीजा यह है कि अस्पताल भवन अतिक्रमण का शिकार होकर अब खुद बीमार होने लगा है और भवन भी जर्जर होता जा रहा है. वहीं, अस्पताल के भीतर स्थित विभिन्न उपकरण भी अब खराब हो गया है. वहीं, इस संबध में पूछे जाने पर धमदाहा के एसडीओ राजीव कुमार ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर अस्पताल भवन को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट - सुशांत कुमार
HIGHLIGHTS
- बदहाली पर 2014 से आंसू बहाने को मजबूर है अस्पताल
- आजतक चालू नहीं हो पाया अस्पताल
- अस्पताल भवन अतिक्रमण का हुआ शिकार
Source : News State Bihar Jharkhand