बिहार हर साल बाढ़ की मार झेलता है. कोसी नदी की बात करें तो हर बार सरकार आश्वाशन तो देती है कि काम हो रहा है इस बार उनको बाढ़ की मार नहीं झेलनी पड़ेगी, लेकिन सारे वादे धरे के धरे रह जाते हैं. इस साल भी कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड अंतर्गत जहांगीरपुर बैसी में कोसी नदी के भीषण कटाव में दो मंजिला इमारत देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह नदी में समा गई. केवल इतना ही नहीं कोसी नदी में कई घर विलीन हो गए. न जानें कितने लोगों ने अपने आशियाने को खोया है. गांव के अब तक 112 लोगों के घर इस साल नदी में समा गए हैं.
पीड़ित लोगों का कहना है कि कोई हमें देखने वाला नहीं हैं. रिग बांध पर रह रहे लोगों को पेयजल और खाने में काफी परेशानी हो रही है. पीड़ित परिवार को दो-दो किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. अनुमंडल पदाधिकारी ने रिग बांध पर रहे लोगों के पेयजल के लिए चापाकल लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके निर्देश के बावजूद चापाकल नहीं लगाया गया है.
उनका कहना है कि सरकार की तरफ से अब तक केवल दो किलो सूखा चूड़ा दिया गया है. उसके अलावा कोई सुविधा नहीं दी गई है. पीड़ित परिवार के लिए गांव में ही भोजन तैयार होता है. गांव वाले ही सामग्री इकट्ठा कर पका हुआ भोजन विस्थापित परिवारों को देते हैं. जल संसाधन विभाग के द्वारा फ्लड फाइटिंग के तहत कार्य नहीं के बराबर किया जा रहा है. वहीं, इस मामले में जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि फ्लड फाइटिग कार्य के लिए सहायक अभियंता और जेई जहांगीरपुर बैसी में कैंप कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau