8 मई को बिहार के 38 जिलों के 1083 परीक्षा केंद्रों पर 6 लाख अभ्यर्थी बीपीएससी 67वीं प्रीलिम्स की परीक्षा देने बैठे थे मगर परीक्षा शुरू होने से पहले ही इसका पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, वायरल हो रहा पेपर बीपीएससी के पेपर से पूरा मेल खा रहा था.जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया.जिसके बाद पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया,जिन्होंने एसआईटी गठित कर जांच शुरू कर दी... और अब करीब 46 दिन बाद एसआईटी ने इसके मास्टरमाइंड तक पहुंचने का दावा किया है. गया के डेल्हा स्थित राम शरण सिंह इविनिंग कॉलेज के केंद्राधीक्षक सह प्राचार्य शक्ति सिंह इस पूरे पेपरलीक का मास्टरमाइंड निकला जिसकी गिरफ्तारी हुई है.मगर खास बात ये की ये मास्टरमाइंड सत्तारूढ़ दल जद यू का नेता निकला जो पहले उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का संगठन सचिव था और कुशवाहा की पार्टी के जद यू में विलय के बाद इसने भी जद यू की सदस्यता ले ली थी.
एसआईटी का मास्टरमाइंड तक पहुंचने का दावा
बीपीएससी पेपर लीक की कड़ी को एसएसआईटी ने सुलझा लेने का दावा किया है. गया के डेल्हा स्थित राम शरण सिंह इविनिंग कॉलेज के सेंटर से प्रश्न पत्र न सिर्फ लीक हुआ, बल्कि उसके केन्द्राधीक्षक शक्ति कुमार ने ही उसे स्कैन कर सबसे पहले कपिलदेव नाम के शख्स को भेजा था. एसआईटी ने वहां के प्राचार्य सह केन्द्राधीक्षक शक्ति कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. यह इस मामले से जुड़ी 15वीं गिरफ्तारी है...बताया ये जा रहा है कि शक्ति सिंह से पूछताछ की गई थी जिसके बाद उसने यह कबूल किया कि बीपीएससी का C सेट का प्रश्न पत्र उसने अपने मोबाइल से स्कैन किया और उसे आगे फॉरवर्ड किया था. पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि उसने ही डॉक स्कैनर मोबाइल एप से बीपीएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र 'सी' सेट स्कैन कर कपिलदेव नामक व्यक्ति को वाट्सएप से भेजा था और प्रश्नपत्र लीक किया था. गिरफ्तारी के बाद इओयू के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने उसको छह जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया.
अब तक इस मामले में 14 गिरफ्तारियां
बीपीएससी पेपर लीक मामले में शक्ति सिंह के पहले ईओयू की टीम ने अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली से पकड़े गए अभिषेक, महेश और प्रवीण से पहले बिहार से 11 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई थी. इनमें पूर्व एनआइटी छात्र संजय कुमार, राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार, बड़हरा बीडीओ जयवद्र्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कालेज के प्राचार्य डा. योगेंद्र प्रसाद सिंह, कालेज प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह, सहायक केंद्राधीक्षक अगम कुमार सहाय, कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार, निशिकांत कुमार राय, कृष्ण मोहन सिंह, सुधीर कुमार सिंह और अमित कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने कांड संख्या 20/2022 दर्ज कर सभी पर धोखाधड़ी, जालसाजी, पद का दुरुपयोग, आइटी एक्ट तथा बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित बनाया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने दी सफाई
इस मामले में फजीहत जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाह की हो रही है चूंकि शक्ति उनके दल रालोसपा से जुड़ा रहा था और उसने उनके साथ जद यू की सदस्यता ली थी.शक्ति की गिरफ्तारी के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि हम न किसी को फंसाते हैं और ना ही बचाते हैं. कोई भी व्यक्ति अगर अपनी करनी से कहीं फंसता है तो कानून कार्रवाई करता है. इस मामले में भी निश्चित तौर पर कानून अपने हिसाब से काम करेगा.