एक तरफ जहां बिहार सरकार के तहत शिक्षा विभाग को दुरुस्त करने के लिए एड़ी चोटी एक करते दिख रहे हैं. वहीं, आज भी सरकारी स्कूल के बच्चों को मूलभूत सुविधाओं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक इन दिनों लगातार स्कूलों का निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं. बावजूद इसके बिहार में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चे जान की बाजी खेलकर पढ़ने जा रहे हैं. इस शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर उंगली उठाने के लिए यह तस्वीर काफी है, जहां विद्यालय चल रहा हो और बच्चों के सामने नया छत का छज्जा भरभरा कर नीचे गिर गया. गनीमत यह थी कि उस छज्जे के नीचे कोई बच्चा नहीं आया, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था.
भरभरा कर गिरा स्कूल का छत
ताजा मामला इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर स्थित राजकीय मध्य विद्यालय भीखनपुर का है, जहां एक तरफ सेंटरिंग मिस्त्री का कहना है कि हम लोगों ने 18 दिन सेंटरिंग को पूरा हो जाने के बाद इसे खोला. वहीं, खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि हमें ज्ञात है कि इस ढलाई को हुए 10-12 दिन ही हुए हैं और उसे खोल दिया गया. जिसके चलते यह छज्जा भरभरा कर गिर गया है. अब सच्चाई क्या है? इस पर पता लगाकर संज्ञान लेने की भी बात कही गई है.
बच्चों में अफरा-तफरी का माहौल
जब इस घटना की जानकारी पत्रकारों को चली और वह खबर को कवरेज करने के लिए विद्यालय पहुंचे, तो वहां के प्रभारी प्राचार्य शंभू शरण ने पत्रकारों से अभद्रता पूर्वक बात की और इस विषय पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. पत्रकारों का बस इतना ही कहना था कि अगर इस छज्जे के नीचे कोई बच्चा आ जाता तो बड़ी घटना घटित हो सकती थी, इस पर आप क्या कहेंगे? तभी वह काफी आग बबूला हो गए और पत्रकारों को विद्यालय से निकलने की बात कह दी. गौरतलब हो कि विद्यालय में प्रधानाध्यापिका निभा डे ने यह शौचालय अपने पैसे से बनवाई है. हालांकि प्रधानाध्यापिका विद्यालय में मौजूद नहीं थी, वह अभी अवकाश पर हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस पर जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेती है?
HIGHLIGHTS
- भागलपुर में गिरा स्कूल का छत
- बच्चों में अफरा-तफरी का माहौल
- शिक्षा विभाग पर उठे सवाल
Source : News State Bihar Jharkhand