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बिहार में हो रही जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

बिहार में जातीय जनगणना चल रही है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर हमलावर होती दिख रही है.

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Vineeta Kumari
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बिहार में जातीय जनगणना चल रही है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर हमलावर होती दिख रही है. वहीं, जातीय जनगणना का विरोध करते हुए इस पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई होने वाली थी. वहीं, याचिकार्ता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. SC ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आप पटना हाई कोर्ट जा सकते हैं. न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति टी एस नरसिम्हा की पीठ में इस याचिका पर सुनवाई की गई.

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बिहार सरकार द्वारा की जा रही जाति आधारित गणना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिककर्ता को पटना हाइकोर्ट जाने को कहा.

 कई मुद्दों को चिन्हित करने के अलावा याचिका में शिकायत की गई थी, कि जनगणना केवल केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की जा सकती है.

बिहार में सात जनवरी से शुरू हुई गणना की कवायद मई 2023 तक पूरी हो जाएगी.

राज्य सरकार इस कवायद के लिए अपने आकस्मिक निधि से 500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.

इस सर्वेक्षण का दायित्व सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है. बिहार में जातियों की अब संख्या के रूप में कोड के आधार पर पहचान की जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट से 3 दिन में याचिका का निपटारा करने का दिया आदेश.

7 जनवरी से हो रही है जातीय जनगणना

बता दें कि 7 जनवरी से बिहार में जातीय जनगणना शुरू की गई है और 15 अप्रैल से इसके दूसरे चरण की गणना की जा रही है. वहीं, 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि जातीय जनगणना पर तत्काल सुनवाई की जाए, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से 28 अप्रैल की तारीख दी गई थी. वहीं, इस पर कोर्ट ने सुनवाई करने पर साफ इनकार कर दिया. 

20 जनवरी को जनगणना के खिलाफ की गई थी याचिका दायर

बता दें कि 20 जनवरी को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी, जिसमें कहा गया था कि इस तरह का गणना नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह आरक्षण को लेकर कराई जा रही है. जिस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन इस पर फिर से कार्रवाई की मांग की गई थी. 15 मई को जातीय जनगणना पूरी हो जाएगी, जिसके बाद इस पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. 

15 मई को गणना पूरी हो जाएगी

वहीं, जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट में 18 अप्रैल को सुनवाई करते हुए 4 मई की अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई थी. बता दें कि याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार जनगणना करा सकती है, यह उसका अधिकार क्षेत्र है, राज्य सरकार का यह फैसला असंवैधानिक है.

HIGHLIGHTS

  • बिहार जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
  • सुनवाई से किया इनकार
  • कहा- जाए पटना हाईकोर्ट

Source : News State Bihar Jharkhand

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