भागलपुर में शिक्षा का मंदिर इस वक्त सियासत का अखाड़ा बना हुआ है. जिसके चलते 6 हज़ार से ज़्यादा छात्रों का भविष्य अंधकार में डूबता हुआ नज़र आ रहा है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर ताला लग गया है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल के छात्र संगठन ने भी अनिश्चितकालीन तालाबंदी आंदोलन की शुरुआत कर दी है. एक तरफ जहां बिहार राज्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालय कर्मचारी शिक्षक संघ ने धरना प्रदर्शन किया तो दूसरी तरफ युवा राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने भी विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया.
इनकी मांग है कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति जल्द से जल्द बहाल किया जाए जिससे कि तमाम छात्रों की समस्याएं दूर हो सकें. राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्थायी कुलपति नहीं रहने के कारण छात्र, शिक्षक और कर्मचारी परेशान हैं. डिग्रियां बनकर भी तैयार हैं लेकिन इसके बावजूद छात्रों को डिग्रियां नहीं मिल पा रही हैं. यही नहीं इसके उलट सारी डिग्रियां धूल फांक रही हैं. छात्रों की बेबसी ये है कि ये चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बाद भी नौकरियों के लिए सर्टिफिकेट हासिल नहीं कर पा रहे हैं. सर्टिफिकेट में सिग्नेचर नहीं होने के चलते उन्हें निराशा झेलनी पड़ रही है और उनका करियर अधर में लटका हुआ है. आज हर कॉलेजों में तालाबंदी है, तमाम काम ठप पड़े हैं लेकिन इनकी सुध कोई लेने वाला नहीं है .
विश्वविद्यालय में तालाबंदी और आंदोलन के चलते कई परीक्षाओं को भी रद्द किया जा चुका है. वहीं पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और युवा राष्ट्रिय जनता दल के प्रवक्ता कृष्ण बिहारी ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है ये आगे भी ऐसे ही जारी रहेगा . वहीं दूसरी तरफ बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी संघ के ओम प्रकाश झा ने भी स्थायी कुलपति की जल्द से जल्द मांग की है उनका कहना है कि विश्वविद्यालय जिस ऊंचाई पर था उतने ही गर्त में जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह विश्वविद्यालत में स्थायी कुलपति का ना होना है. इसलिए स्थायी कुलपति जल्द से जल्द बहाल हों और विश्वविद्यालय की गतिविधियों को भी फिर से सुचारू रूप से बहाल किया जाए और अगर ऐसा नही किया गया तो ये आंदोलन जारी रहेगा.
Source : News Nation Bureau