हमारे देश का तिरंगा हमारा मान हमारा सम्मान होता है. जिसका अपमान कोई भी नहीं कर सकता है, लेकिन बिहार के समस्तीपुर जिले में शिक्षा के मंदिर में ही तिरंगे का अपमान हुआ है. जिस देख लोगों का गुस्सा फुट पड़ा है. स्कूल में पढ़ाए जाने वाली किताब में एक बड़ी गलती की गई है. जो माफी के लायक तो बिलकुल भी नहीं है. किताब में हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के रंग को ही गलत बताया गया है. ये गलती बिहार स्टेट टेक्सटबुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन ने की है. जहां सातवीं कक्षा की किताब में तिरंगे के रंग को ही बदल दिया गया है.
स्वतंत्रता दिवस के पाठ में ही हुई गलती
मिली जानकारी के अनुसार सातवीं कक्षा की संस्कृत की किताब में स्वतंत्रता दिवस का एक पाठ है. जिसमें तिरंगा बना हुआ है, लेकिन तिरंगे के रंग को गलत बताया गया है. ये हम सब जानते हैं कि तिरंगे में सबसे पहला रंग केसरिया होता है, लेकन इस किताब में तो पहला रंग ही हरा दिखाया गया है, बीच में सफेद और नीचे केसरिया रंग छाप दिया गया है. जिसे देखने के बाद गुस्सा होना लाजिमी सी बात है.
वेबसाइट पर सब कुछ है सही
अब देखने वाली बात ये होगी कि पब्लिकेशन कंपनी पर कब तक कार्रवाई होती है या फिर इसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा. वहीं, स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकरी विभाग को दे दी है. हालांकि पब्लिकेशन की वेबसाइट पर सब कुछ सही है, लेकिन किताब छापने में ये लापरवाही हुई है. शिक्षकों ने कहा कि इस पब्लिकेशन की और भी बहुत सारी किताबें आती है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है.
HIGHLIGHTS
- शिक्षा के मंदिर में ही तिरंगे का हुआ अपमान
- स्कूल में पढ़ाए जाने वाली किताब में की गई बड़ी गलती
- स्वतंत्रता दिवस के पाठ में ही हुई गलती
- वेबसाइट पर सब कुछ है सही
Source : News State Bihar Jharkhand