देश-विदेश और प्रदेश में नवरात्रि की धूम है. मंदिरों में भक्तों की भीड़ है. महिला श्रद्धालुओं का तांत लगा हुआ है, लेकिन क्या आपको पता है कि भागलपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां महिलाओं के प्रवेश पर ही पबांदी है. सिर्फ नवरात्र ही नहीं, बल्कि पूरे साल इस मंदिर में महिलाओं की नो एंट्री है. एक तरफ जगत जननी दुर्गा महारानी की पूजा हो रही है. दूसरी तरफ भारत में देवी का दर्जा प्राप्त करने वाली महिलाओं की इस मंदिर में प्रवेश पर ही रोक है. दरअसल, नवगछिया अनुमंडल के राजेन्द्र कॉलोनी में मां भगवती दुर्गा पुनामा प्रतापनगर वाली मैया विराजमान है.
मंहिलाओं की इस मंदिर में नो एंट्री
मंदिर की इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण 1526 में पुनामा प्रतापनगर में हुई थी. तत्कालीन चंदेल वंश के राजा प्रताप राव ने यहां देवा का आह्वान किया था. तब से इस मंदिर की प्रथा चली आ रही है कि यहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर के निर्माणकाल से ही यहां तांत्रिक और गुप्त विधि से पूजा की जाती है. इसलिए महिलाओं का इस मंदिर में आने पर सख्त पाबंदी है.
वहीं, महिलाएं मंदिर के बाहर से ही देवी मां की पूजा करती हैं और मनोकामनाएं मांगती है. हालांकि किसी महिला ने अब तक प्रवेश वर्जित को लेकर आपत्ति नहीं जताई है. बाहर से आए पुरुषों को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है.
क्या है मंदिर की खासियत
इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां मूर्ति पूजा नहीं की जाती है बल्कि नवरात्र के दौरान दस दिनों तक अनवरत ज्योत जलती है और दसवें दिन कलश के साथ ज्योत का विसर्जन कर दिया जाता है. इसलिए यहां सप्तमी की रात 64 योगिनी की साधना की जाती है और शिव और शक्ति की पूजा अर्चना होती है. इस साधना को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ यहां उमड़ती है. जिनकी मनोकामना पूरी होती है, वो यहां दंड प्रणाम भी करने आते हैं.
बहरहाल, हर मंदिर में मां दुर्गा की आराधना होती है, लेकिन यहां शुरू से ही महिलाओं के प्रवेश पर रोक के नियम है. ये नियम सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले पुरुषों भी लागू होता है.
HIGHLIGHTS
- भागलपुर में है एक ऐसा मंदिर
- बाहरी पुरुषों के प्रवेश पर भी रोक
- मंदिर के बाहर से पूजा की इजाजत
Source : News State Bihar Jharkhand