बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन आज जेल से रिहा हो गए हैं. उनकी रिहाई के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर देखी गई. पटना में जमकर आतिशबाजी हुई और एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर जश्न मनाया गया. वहीं, सहरसा में कोसी कमिश्नरी के आयुक्त कार्यालय के बाहर आनंद मोहन के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं. आनंद मोहन के पोस्टर से जिस तरीके से शहर पटा है, ये बताता है कि इस इलाके में इनका रसूख क्या है. आयुक्त कार्यालय के बाहर जहां सरकार की योजनाओं के पोस्टर लगने हैं, वहां आनंद मोहन के पोस्टर दिख रहे हैं .
नियम के तहत हुई है रिहाई
वहीं, आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कहा कि नियम के तहत उनकी रिहाई हुई है, लेकिन अब रिहाई के समय को लेकर बीजेपी के लोग अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं. बीजेपी शासित राज्यों में कैसे-कैसे लोगों को छोड़ा गया है ये हर कोई जानता है. बिहार सरकार ने नियम के आधार पर उनको छोड़ने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट भी आम और खास के बीच में भेदभाव ना करने की बात कह चुका है.
चेतन आनंद ने क्या कहा
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने कहा है कि न्यायालय ने जो फैसला दिया था. उस फैसले को मेरे पिता ने स्वीकार किया था, उन्होंने पूरी सजा काटी जबकि इस हत्या में वह कहीं नहीं थे. जिन लोगों ने मॉब लिंचिंग की उन में से किसी को भी सजा नहीं मिली थी. जो कानून बिहार में बदला गया है यह पूरे देश में कहीं नहीं है, 2016 में यह कानून में नया प्रावधान लाया गया था जिसे वापस लिया गया है. इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए, मेरे घर में शादी का माहौल है, मेरी शादी होनी है. वहीं, उन्होंने कहा कि मेरी पूरी संवेदना जी. कृष्णैया के परिवार के साथ है जैसे उनके बच्चे परेशान हैं, वैसे ही हम लोग भी परेशान रहे हैं. हम उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं.
जीतन राम मांझी ने कहीं बड़ी बात
गया में बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि कानूनी कार्रवाई के तहत उन्हें रिहा किया गया है. सिर्फ आनंद मोहन हीं नही है इसके अलावे 20 और लोगों को भी रिहा किया गया है. उन्होंने कहा कि हम व्यक्तिगत रूप से आनंद मोहन का जानते है. वो कोई क्रिमिनल नहीं थे.
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बीजेपी ने लालू यादव पर साधा निशाना
आनंद मोहन की रिहाई पर बीजेपी ने सवाल उठाया है. सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव पर हमला करते हुए बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि लालू यादव ने आनंद मोहन को फसाया और जेल से नहीं निकलने देने के लिए नीतीश कुमार को खूब जोड़ लगाया और फिर जब नीतिश कुमार लालू से मिले तो कानून बदल कर उन्हें निकाल लिया गया, जो लालू यादव चाहते हैं, वहीं नीतीश कुमार करते हैं.
HIGHLIGHTS
- पटना में जमकर हुई आतिशबाजी
- अबीर गुलाल लगाकर मनाया गया जश्न
- आयुक्त कार्यालय के बाहर आनंद मोहन के लगाए गए पोस्टर
- नियम के तहत हुई है रिहाई - शक्ति सिंह यादव
Source : News State Bihar Jharkhand