सरकार हर दिन पंचायत को मॉडल पंचायत, मॉडल गांव बनाने का सपना लोगों को दिखाती है. यहां तक यह भी कहते हैं कि हमने गांव को सभी सुविधाओं से लैश कर दिया है. गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाओं का कोई अभाव नहीं है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है. आपको बता दें कि अररिया जिला के फारबिसगंज प्रखंड के अड़राहा पंचायत एक ऐसा पंचायत है. जहां ग्राम प्रधान को अपना कार्य का निपटारा करने के लिए एक अदद पंचायत भवन तक नहीं है तो ग्राम कचहरी सरपंच को अपना कार्य का निष्पादन के लिए एक ग्राम कचहरी भी नहीं है.
सामुदायिक भवन में करते हैं काम
मुखिया अपने कार्य का निष्पादन एक सामुदायिक भवन में करते हैं तो सरपंच अपने कार्य का संपादन एक विद्यालाय में करते हैं. इसी बात से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि पंचायत का कितना विकास हुआ है. इस पंचायत में बारिश के मौसम में लोगों को अपने घर से पहुंचपथ तक जाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
उपस्वास्थ केंद्र का भी नहीं हुआ निर्माण
पंचायत के आधे से अधिक वार्ड में सड़क नहीं है. जिससे लोगों में काफी नाराजगी है. यहां तक कि विद्यालय तक जाने वाली पथ भी आज तक कच्ची ही है. खास बात यह है कि इस पंचायत की दूरी फारबिसगंज प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर है, लेकिन इस पंचायत में आज तक उपस्वास्थ केंद्र का भी निर्माण नहीं हो सका है. जिस कारण लोग प्राथमिक उपचार के लिए भी बीस किलोमीटर दूर जाने को मजबूर हैं. ऐसे में सरकार पर सवाल उठना लाजिमी है. निश्चित यह पंचायत प्रशासनिक उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर है. देखने वाली बात यह होगी कि कब तक प्रशासन इस गांव को उपस्वास्थ केंद्र, सड़क जैसे मूलभूत सुविधा देने में सफल हो पाते हैं.
रिपोर्ट - रवींद्र कुमार यादव
HIGHLIGHTS
- गांव में पंचायत भवन तक नहीं
- सामुदायिक भवन में करते हैं काम
- सरपंच एक विद्यालाय में करते हैं काम
- उपस्वास्थ केंद्र का भी नहीं हुआ निर्माण
- उपचार के लिए बीस किलोमीटर दूर जाने को मजबूर हैं लोग
Source : News State Bihar Jharkhand