पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी राजनीति जगत में एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं. इनके बयान अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इनकी लव स्टोरी की चर्चा आज भी होती है. लोग इनके प्यार का उदाहरण भी देते हैं. जहां आज धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है वहीं इन्होंने धर्म की दीवार को तोड़ते हुए एक ईसाई धर्म की लड़की से शादी की थी. पहली नजर का प्यार हमने फिल्मों में देखा है लेकिन सुशील कुमार मोदी को तो सच में पहली नजर का प्यार हुआ था ट्रेन में पहली बार एक दूसरे को देखा और प्यार हो गया प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि सारी दीवारें तोड़ दोनों एक हो गए.
ट्रेन में हुई थी दोनों की मुलाकात
सुशील मोदी की पत्नी का नाम जेसी जॉर्ज है. इनकी प्रेम कहानी किसी फिल्म के जैसे लगती है. बात उस वक्त की है जब सुशील मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे. ये बात लगभग 35 साल पहले की है. विद्यार्थी परिषद के काम से तब उन्हें बहुत यात्राएं करनी पड़ती थीं. उसी दौरान जब वो ट्रेन में सफर कर रहे थे तब उनकी जेसी से मुलाकात हो गई. इस मुलाकात के बाद दोनों में बातचीत होनी शुरू हो गई. जिसके बाद दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें खा ली और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया.
दोनों के प्यार के आगे सबको झुकना ही पड़ा
जेसी जॉर्ज केरला के एक ईसाई परिवार से थी और सुशील मोदी पारंपरिक मारवाड़ी परिवार से थे. ऐसे में दोनों के लिए प्यार का रास्ता इतना आसान भी नहीं था. उस जमाने में परंपरा की दीवार को पार करना बेहद ही मुश्किल था. दोनों के ही परिवार इस शादी के खिलाफ थे लेकिन प्यार सच्चा था तो दोनों कहां रुकने वाले थे. उन्होंने ने तो कसम खा ली थी साथ रहने की और एक दूसरे का साथ हमेशा निभाने की उनका प्यार इतना सच्चा था कि सब को उनके प्यार के आगे आखिकार झुकना ही पड़ा और उनकी शादी करा दी.
अटल बिहारी वाजपेयी हुए थे शादी में शामिल
साल 1987 में दोनों की आखिरकार शादी हो ही गई. दोनों की शादी में खुद अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल हुए थे और दोनों को आशीर्वाद दिया था. शादी के बाद से ही उनकी चर्चा राजनीति जगत में होने लग गई क्योंकि बिहार जैसे राज्य में धर्म की दिवार को तोड़ कर ऐसा करने वाले वो पहले व्यक्ति थे. ये शादी उनके लिए भाग्यशाली भी साबित हुई क्योंकि उनके राजनीतिक करियर में उछाल आ गया. शादी के 3 साल बाद ही साल 1990 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई. सुशील मोदी पहली बार विधानसभा तब पहुंचे थे.
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सुशील मोदी को नहीं थी राजनीति में दिलचस्पी
सुशील मोदी को शुरुआती दौर में राजनीति में उतनी दिलचस्पी नहीं थी. जब अटल बिहारी वाजपेयी उनके शादी में शामिल हुए थे तो उन्होंने सुशील मोदी को राजनीति में आने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. शादी के एक साल बाद ही दोनों पति पत्नी ने मिलकर सबसे पहले साल 1988 में बैंक से लोन लेकर कंप्युटर ट्रेनिंग की इंस्टीट्यूट खोली थी. दोनों मिलकर यहां बच्चों को कंप्युटर लैंग्वैज की ट्रेनिंग देते थे. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. 1990 में विधानसभा चुनाव का चुनाव हुआ और पटना सेंट्रल सीट से 1990 में पहली बार उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया और इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस विधायक अकील हैदर को हराकर जीत अपने नाम कर ली थी. इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे पलट कर नहीं देखा जीवन में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन वो आगे बढ़ते रहे और राजनीति जगत में आज उनका एक बड़ा नाम है.
दोनों बेटे लाइमलाइट से रहते हैं बहुत दूर
सुशील मोदी की पत्नी जेसिस एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं. वहीं, सुशील मोदी के दो बेटे हैं. जिनका नाम उत्कर्ष और अक्षय अमृतांक्षु है. उत्कर्ष ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है तो वहीं अक्षय अमृतांक्षु ने कानून की पढ़ाई की है. दोनों ही लाइमलाइट से बहुत दूर रहते हैं. राजनीति में उन्हें दिलचस्पी नहीं है.
HIGHLIGHTS
- सुशील मोदी को हुआ था पहली नजर का प्यार
- ट्रेन में हुई थी दोनों की मुलाकात
- दोनों की शादी में खुद अटल बिहारी वाजपेयी भी हुए थे शामिल
- शुरुआती दौर में सुशील मोदी को राजनीति में नहीं थी दिलचस्पी
- 1990 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे सुशील मोदी
Source : News State Bihar Jharkhand