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गया शहरवासियों को इस बार दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर के होंगे दर्शन, श्रद्धालुओं को करेगा काफी आकर्षक

गया के केदारनाथ मार्केट में बन रहे पंडाल ने सभी की नज़रे अपनी ओर कर ली है. गया शहरवासियों को इस बार दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर के दर्शन गया से ही हो जाएंगे. क्योंकि इस बार पंडाल को इसी मंदिर का स्वरूप दिया जा रहा है.

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Rashmi Rani
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मीनाक्षी मंदिर का दिया गया स्वरूप ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

आज से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. बाज़ारें अभी से ही सजनी शुरू हो गई है. साथ ही तरह तरह के पंडाल भी बनाए जा रहे हैं. गया के केदारनाथ मार्केट में बन रहे पंडाल ने सभी की नज़रे अपनी ओर कर ली है. गया शहरवासियों को इस बार दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर के दर्शन गया से ही हो जाएंगे. क्योंकि इस बार पंडाल को इसी मंदिर का स्वरूप दिया जा रहा है. कोलकाता से कारीगरों को बुलाया गया है. 

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गया के केदारनाथ मार्केट में इस बार गया शहरवासियों को दक्षिण भारत के मीनाक्षी मंदिर का स्वरूप दिखेगा. इसके लिए आयोजक के द्वारा कोलकाता के कुशल कारीगरों के द्वारा कराया जा रहा है. आयोजक समिति के सदस्यो ने बताया की पिछले 2 वर्षो से कोरोना के कारण पंडाल व लोग सादे समारोह के रूप में मनाया गया. लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होने की आशंका है. इसके लिए समिति के सदस्यो को लगाया जा रहा है. वहीं, पंडाल के निर्माण में पिछले 1 महीने से कोलकाता के कारीगर जुटे हुए हैं. 

आपको बता दें कि, पंडाल और प्रतिमा की कुल लागत 10 से 15 लाख रुपए है. मीनाक्षी मंदिर का स्वरूप इस बार श्रद्धालुओं को काफी आकर्षित  करने वाला है. आज नवरात्रि का पहला दिन है. पहले दिन मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा की जाती है. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नवरात्रि के पूरे नौ दिनों का उपवास भी करते हैं. नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा इसलिए की जाती है, ताकि व्यक्ति जीवन में मां शैलपुत्री के नाम की तरह स्थिरता बनी रहे. अपने लक्ष्य को पाने के लिए जीवन में अडिग रहना जरूरी है, जो कि हमें मां शैलपुत्री की पूजा से मिलता है.

Source : News Nation Bureau

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