बिहार (Bihar) में कुछ ही दिनों में मानसून पहुंचने की खबर के बीच बरसात में राजधानी पटना को इस बार डूबने से बचाने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. बैठकों का दौर भी जा रही है. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए भी तैयार रहें और इस बीच कोविड-19 (Covid-19) को फैलने से रेाकने के लिए किए जा रहे उपायों पर भी ध्यान दें. नीतीश ने अधिकारियों ने कहा कि वे बाढ़ के कारण विस्थापित होने वाले लोगों के लिए ऐसी व्यवस्था करें कि उन्हें ऐसे शिविरों में भेजा जा सके जहां भौतिक दूरी के नियमों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना पड़े.
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उधर, बरसात में पटना के जलजमाव को रोकने के लिए पटना नगर निगम भी लगातार प्रयासरत हैं. इसको लेकर मुख्य सचिव तक लगातार समीक्षा कर रहे हैं और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं. हाल के दिनों में अधिकारियों ने आश्वस्त भी किया है कि काफी हद तक जलनिकासी की व्यवस्था कर ली गई है और जहां नहीं की जा सकी है, वहां अभी काम जारी है. शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) और पटना नगर निगम लगातार जलजमाव की समस्या को कम करने के लिए काम कर रहे हैं.
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बता दें कि पिछले वर्ष बारिश के मौसम में राजधानी पटना के कई इलाके 20 से ज्यादा दिनों तक पानी में डूबे रहे थे और लोग घरों में कैद रहे थे. नगर विकास एवं आवास विभग के एक अधिकारी बताते हैं कि शहर के अधिकांश नालों की उड़ाही की जा रही है तथा सप हाउसों को दुरुस्त कर दिया गया है और अतिक्रमण भी हटाया जा रहा है. बड़े नालों की दोबारा उड़ाही की जा रही है. कई जगहों पर गाद या अतिक्रमण की समस्या के कारण बड़े नालों की दोबारा उड़ाही की जा रही है. शहर के सभी बड़े 39 पंप हाउसों के मरम्मत कार्य को पूरा कर लिया गया है.
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उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शुक्रवार को शहर में जलनिकासी की तैयारियों को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ समीक्षा बैठक की थी और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि इस बार पटना में जलजमाव की स्थिति नहीं हो, इसे सुनिश्चित किया जाए. बैठक में कहा गया है कि जहां भी नाले का संपर्क नहीं है या संपर्क में दिक्कत हो रही है, वहां कच्चे नाले बनवाने का काम 10 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाए.
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