मानव बलि मामले में जमुई पुलिस ने दो महिलाओं सहित और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद गिरफ्तार हुए लोगों की संख्या पांच हो गई. मृतक सौरभ कुमार (7) की हत्या उसके चाचा तूफानी यादव (35) ने 22 दिसंबर को की थी. उसने अपने छोटे भाई कारू यादव और एक तांत्रिक जनार्दन गिरि (50) की बातों में आकर घटना को अंजाम दिया.
जमुई के एसपी प्रमोद कुमार मंडल ने कहा कि तूफानी यादव कारू यादव के माध्यम से गिरि के संपर्क में आया था. बलिदान के दिन तीनों ने 22 दिसंबर को सोनो पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले कोहिला गांव में तूफानी यादव की झोपड़ी में एक तंत्र- अनुष्ठान किया था. उन्होंने बलिदान को अंजाम देने से पहले ताड़ी (नशीला पेय पदार्थ) पी थी. मंडल ने कहा, 'अनुष्ठान के बाद तूफानी घर गया और सौरभ को गांव की सड़क के बीच लेकर आया, इससे पहले उसने उसे पास की दुकान से बिस्किट का पैकेट खरीद कर दिया था. इसके बाद तूफानी ने एक तलवार की मदद से सौरभ की बलि दे दी.'
मंडल ने बताया कि सौरभ तूफानी यादव के बड़े भाई केवल यादव का बेटा था. वे गांव में अलग-अलग रहते थे. तूफानी यादव के पहले बेटे की बीमारी के कारण पिछले साल मृत्यु हो गई थी और उनकी तीन महीने की बेटी भी पिछले कुछ दिनों से बीमार थी. कथित तौर पर कारू यादव और जनार्दन गिरि ने उसे अपनी बेटी की जान बचाने के लिए मानव बलि देने का सुझाव दिया था.
हत्या के बाद तूफानी, कारू और जनार्दन गांव से सटे पास के जंगल में भाग गए थे. ग्रामीणों में से किसी ने भी उनका पीछा करने की हिम्मत नहीं की, क्योंकि तूफानी के हाथ में तलवार थी. अधिकारी ने कहा, 'हमने तूफानी की मां कुंती देवी (60) और पत्नी सिंधु देवी (31) को गिरफ्तार किया है, उन्होंने तूफानी को उकसाने की भूमिका निभाई थी और उन्हें 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया था. दो अलग-अलग टीमों द्वारा तूफानी और कारू को शनिवार को जंगल से और जनार्दन को झारखंड में जिला गिरिडीह से गिरफ्तार किया गया.'
Source : IANS/News Nation Bureau