सीतामढ़ी में बाघ ने दो घोड़ों को अपना निवाला बनाया है. घटना पुनौरा थाना क्षेत्र के खरका गांव की है, जहां बाघ ने दो घोड़ों को मार डाला है और उसके आधे हिस्से को खा गया है. पहली बार जिले में 5 जनवरी को रामनगर में बाघ ने 2 महिला को काटकर जख्मी कर दिया था, जिसके बाद सीतामढ़ी और बेतिया से आई वीटीआर की टीम ने काफी खोजबीन की, लेकिन बाघ का कोई सुराग नहीं लग पाया था. एक बार फिर बाघ के हमले के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है. 6 दिन तक खोजबीन करने के बाद भी सुराग नहीं मिलने पर वन विभाग की टीम कल वापस लौट गई थी.
आपको बता दें कि नेपाल की सीमा से लगे सीतामढ़ी में पिछले कई दिनों से बाघ का आतंक देखने को मिल रहा है. वन विभाग की टीम भी लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है, लेकिन बाघ पकड़ के बाहर है. हाल ही में रीगा प्रखंड के रामनगरा गांव में बाघ के होने की खबर मिली थी, वहां बाघ के पैरों के निशान भी मिले, लेकिन बाघ पकड़ में नहीं आया. रामनगरा गांव में बाघ ने खेत में काम कर रही एक महिला पर भी हमला किया था. जिससे महिला बुरी तरीके से घायल हो गई थी, जिसका इलाज मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में करवाया जा रहा है.
बाघ को पकड़ने के लिए वेतिया और मुजफ्फरपुर से वन विभाग की टीमें आई हैं. यह कयास लगाए जा रहे थे कि बाघ वापस नेपाल लौट गया है, लेकिन देर रात एक बार फिर बाघ ने शिकार को अंजाम दिया है. इस बार बाघ ने दो घोड़ों को अपना शिकार बनाया है. बाघ के हमले में दोनों घोड़ों की मौत हो गई है. यह भी जानकारी मिल रही है कि बाघ घोड़ों के आधे हिस्से को खा गया है और आधे हिस्से को वहीं छोड़ गया है. बाघ की हमले की खबरों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. शाम होते ही लोग अपने घरों में दुबक जाते हैं. बहुत जरूरी होने पर भी झुंड बनाकर बाहर निकलते हैं.
रिपोर्ट : आनंद बिहारी सिंह
HIGHLIGHTS
- बाघ के आने से लोगों में दहशत
- 5 दिनों से की जा रही बाघ की खोज
- वन विभाग बाघ के रेस्क्यू में जुटी
- बाघ के आने का मिल रहे फुटप्रिंट
Source : News State Bihar Jharkhand