सीएम के लिए 15 मिनट तक रोकी गई ट्रेन, अश्विनी चौबे बोले - उच्चस्तरीय कराऊंगा जांच

सीएम के काफिले को पास कराने के लिए दो- दो पैसेंजर ट्रेन को 15 मिनट के लिए रोक दिया गया. परेशान यात्री पैदल ही अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए मजबूर हो गए. करीब 15 मिनट तक पूर्वी इटाड़ी रेलवे गुमटी को खुला रखा गया.

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Rashmi Rani
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सीएम का काफिला( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

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सीएम नीतीश कुमार इन दिनों अपनी समाधान यात्रा पर है. राज्य के हर जिले में घूमकर लोगों से उनकी समस्या को सुन रहे हैं. इसी दौरान कल बुधवार को मुख्यमंत्री बक्सर गए थे. जहां उन्होंने चक्की प्रखंड के हेनवा गांव में महादलित बस्ती का निरीक्षण किया था. लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याएं को भी सुना था, लेकिन इस समाधान यात्रा पर सवाल तब उठ गए जब लौटने के दौरान सीएम का काफिला रेलवे गुमटी से होकर गुजरने वाला था. सीएम के काफिले को जाने देने के लिए पूर्वी इटाढ़ी रेलवे गुमटी को खुला रखा गया और करीब 15 मिनट तक ट्रेनों को रोक कर रखा गया जिससे यात्रिओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. 

15 मिनट  तक दो ट्रेनों को रोका गया 

सीएम के काफिले को पास कराने के लिए दो- दो पैसेंजर ट्रेनों को 15 मिनट के लिए रोक दिया गया. परेशान यात्री पैदल ही अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए मजबूर हो गए. करीब 15 मिनट तक पूर्वी इटाड़ी रेलवे गुमटी को खुला रखा गया. ताकि सीएम के काफिले को पास कराया जा सके. जब इस मामले के गुमटी के गेटमैन से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मुख्यमंत्री का काफिला गुजरने वाला है. इसलिए ट्रेन को होल्ड पर रखा गया है. हालांकि रेलवे की ओर से ट्रेनों को रोके जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. 

अश्विनी चौबे कराएंगे उच्चस्तरीय जांच 

दूसरी तरफ केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री के आने के लिए दो- दो पैसेंजर ट्रेन को रोका गया. यह व्यवधान नहीं तो क्या समाधान है इसकी उच्चस्तरीय जांच कराऊंगा. मैं भारत सरकार के रेल मंत्रालय से भी मांग करूंगा इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए किस व्यक्ति के आदेश से दो पैसेंजर ट्रेन को रोका गया. पैसेंजर ट्रेन में बच्चे ,महिलाएं, बूढ़े और कई लोग परेशान थे. सीएम पिकनिक यात्रा पर आए हैं समाधान यात्रा पर नहीं.

35 से ज्यादा झोपड़ियों पर चला था बुलडोजर

वहीं, कल बुधवार को सीएम को चकाचक और बिना किसी परेशानियों वाला सड़क उपलब्ध कराने को लेकर शिवसोना गांव में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक अतिक्रमण हटाने को लेकर बुलडोजर चला दिया गया था. इस दौरान लगभग 35 से ज्यादा अतिक्रमित झोपड़ियों को धराशायी कर दिया गया था. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले प्रशासन के द्वारा ना तो पहले से नोटिस दिया गया और ना ही इसकी जानकारी थी. एकाएक प्रशासन का पूरा अमला बुलडोजर के साथ गांव पहुंचा और कार्रवाई शुरू कर दी. बेबस ग्रामीण अतिक्रमण का विरोध तक नहीं कर सके थे.  

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6 जनवरी से शुरू हुई थी समाधान यात्रा

बता दें कि 6 जनवरी को पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर से सीएम नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा की शुरुआत की थी. यह यात्रा 29 जनवरी को समाप्त होगी. इस यात्रा के दौरान सीएम कई लोगों से मिले. वहीं, बुधवार को सीएम बक्सर पहुंचे, जहां उन्होंने जैविक कृषि का निरीक्षण किया.

HIGHLIGHTS

  • सीएम के काफिले के लिए 15 मिनट तक ट्रेनों को रखा गया रोक कर 
  • रेल मंत्रालय से मांग करूंगा मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए - अश्विनी चौबे
  • सीएम पिकनिक यात्रा पर आए हैं समाधान यात्रा पर नहीं - अश्विनी चौबे

Source : News State Bihar Jharkhand

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