बिहार में अपराधी बेखौफ नजर आ रहे हैं. प्रदेश से लगातार हत्या, लूट की घटनाएं सामने आ रही है. वहीं, इन दिनों एक गिरोह काफी एक्टिव है. यह गिरोह ट्रक चालक से पहले दोस्ती करता है और फिर उसकी हत्या कर ट्रक चोरी कर उसे बेच देता है. कुछ दिन पहले ही मुजफ्फरपुर से एक मामला सामने आया था. जहां एक ट्रक ड्राइवर संजीत महतो की लाश टाटी नदी के किनारे सड़ी-गली अवस्था में मिली थी.
ट्रक चोर गिरोह का हुआ खुलासा
संजीत महतो के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने इसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. शव की पहचान कर परिजनों को इसकी सूचना दी गई थी. वहीं, महज तीन दिन के अंदर पुलिस ने मर्डर मिस्ट्री सुलझा दिया है. पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए बताया कि ट्रक लूटने वाले गिरोह ने इस घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने पहले ट्रक चालक से दोस्ती की और फिर एक दिन उसे पीट-पीटकर मार डाला.
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तीन दिन में सुलझा मर्डर मिस्ट्री
ट्रक चालक की हत्या के बाद आरोपियों ने ट्रक का इंजन नंबर और चेसिस बदलकर इसे 5.50 लाख रुपये में कटिहार के रहने वाले कुणाल झा को बेच दिया था. हालांकि पुलिस ने ट्रक खरीदार को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरोह के सदस्यों ने 15 सितंबर को टाटी नदी के सामने ही ट्रक ड्राइवर का हाथ-पैर बांध दिया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों में विकास कुमार और राघवेंद्र कुमार शामिल है.
गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
आरोपियों ने चोरी के ट्रक को एक बार नहीं बल्कि दो बार बेचा. ट्रक का इंजन नंबर और चेसिस बदलकर पहले उन्होंने बेगूसराय के एक ग्राहक को बेचा और उसके बाद फिर से उसी ट्रक को कटिहार के कुणाल झा को बेच दिया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह पहले ट्रक चालक से दोस्ती करते थे और फिर घटना को अंजाम देते थे. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों साधु कुमार, संटू कुमार और सूरज कुमार की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. गैंग के दो सदस्यों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. बिहार पुलिस पिछले लंबे समय से इस गिरोह की तलाश कर रही थी. इस घटना ने ट्रक ड्राइवरों में हड़कंप मचा कर रख दिया है.