केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को कहा कि पूरे विश्व में फैली कोरोना महामारी के विरुद्घ भारत ने निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है. उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय पर लिए गए उचित निर्णय और भारत के वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को दिया. चौबे यहां एम्स में को-वैक्सीन ट्रायल में योगदान करने वालों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए कहा कि इस महामारी के समय कोरोना वैक्सीन के ट्रायल और कोरोना तथा इसके वैक्सीन के बारे में जागरूकता फैलाने का अद्भूत काम किया गया है.
केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने आगे कहा कि महामारी के समय इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों का इलाज करने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मी, वैज्ञानिक और दूसरे क्षेत्रों के व्यक्ति प्रशंसा के पात्र हैं, जिन्होंने इस महामारी को एक अवसर में बदल दिया. को-वैक्सीन ट्रायल के बारे में विभिन्न माध्यमों से और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पूरे बिहार में जागरूकता फैलाने में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र दिया गया.
अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि इन सबके प्रयास से स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत एक स्वावलंबी देश के रूप में उभर रहा है. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और प्रोएक्टिव कदम से डक्टरों, वैज्ञानिकों और हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को एक स्पष्ट दिशा और प्रोत्साहन मिला, जिसके कारण इस महामारी से लड़ने में आज हम विश्व में अग्रणी साबित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज भारत में कोरोना वैक्सीन के निर्माण और विकास में 7 कंपनियां लगी हुई हैं. दो वैक्सीन मार्केट में उपलब्ध हो गई हैं और उम्मीद है कि जून-जुलाई तक आठ वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी. तीसरी वैक्सीन पर अगले महीने सहमति मिल जाएगी.
आयुर्वेद में रस औषधियों का विशेष स्थान, संक्रमण रोकने में प्रभावकारी : अश्विनी चौबे
गौरतलब है कि केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पिछले दिनों कहा था कि आयुर्वेद चिकित्सा में रस औषधियों का अपना एक विशेष स्थान रहा है. वास्तव में रस औषधियों का प्रचलन ही आशुकारी चिकित्सा के रूप में हुआ था. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को भी रोकने में रस औषधियां विशेष रूप से प्रभावकारी हैं. प्रभावशाली रस औषधियों का निर्माण किया जाता है. कोविड-19 भी एक संक्रामक बीमारी है और इनमें भी आशुकारी चिकित्सा की जरूरत है.
पटना के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में दो दिवसीय 'रोल अफ रस औषधि इन मैनेजमेंट ऑफ कोविड-19' विषय पर आयोजित सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 निश्चित रूप से मानव जाति के लिए बहुत बड़े खतरे के रूप में उत्पन्न हुआ है. इतिहास गवाह है कि जब-जब मानव जाति पर किसी भी प्रकार का आक्रमण हुआ है, हमारे ऋषि-महर्षियों ने उस आक्रमण से विश्व का बचाव किया है. आयुर्वेद की उत्पत्ति में भी कुछ इसी प्रकार की बातें देखने को मिलती
Source : News Nation Bureau