पटना में अनोखी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, मछली खाने पर मिला इतना इनाम
राजधानी पटना में एक अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. 'मछली खाओ इनाम पाओ' का ये आयोजन था. इस प्रतियोगिता का आयोजन बिहार राज्य मत्स्य जीवी सहकारी संघ के द्वारा आयोजित किया गया था. इस प्रतियोगिता में कुल 75 प्रतियोगी शामिल हुए थे.
राजधानी पटना में एक अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. 'मछली खाओ इनाम पाओ' का ये आयोजन था. इस प्रतियोगिता का आयोजन बिहार राज्य मत्स्य जीवी सहकारी संघ के द्वारा आयोजित किया गया था. इस प्रतियोगिता में कुल 75 प्रतियोगी शामिल हुए थे. मछली खा रहे लोग इनाम पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे ताकि वो इस प्रतियोगिता को जीत सकें लेकिन 75 पीस मछली खा कर कुमार राज सहनी ने इस प्रतियोगिता में जीत हासिल कर ली. कुमार राज सहनी ने प्रतियोगिता जीतने के बाद कहा कि वो लोग जिस समुदाय से आते हैं, उन लोगों का मुख्य भोजन मछली ही है. ऐसे में इस प्रतियोगिता को जीतना उनके लिए बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं था.
प्रतियोगिता का उद्देश्य था जागरूकता पैदा करना
मछली खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों में मछली पालन एवं खाने के प्रति जागरूकता पैदा करना था. आयोजक का कहना है कि बिहार में आठ लाख मैट्रिक टन मछली की खपत होती है. लेकिन उत्पादन मात्र छह लाख मैट्रिक टन होता है. 2 लाख मेट्रिक टन मछली आंध्र प्रदेश और बंगाल से मंगवानी पड़ती है. जिसकी कीमत 4000 करोड़ रुपए पड़ती है. इस आयोजन के माध्यम से हम लोग चाहते हैं कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं को सुचारू ढंग से लागू करें ताकि बिहार के लोगों को बाहर की मछली ना खाना पड़े.
बिहार में मछली का जितना उत्पादन होता है उससे ज्यादा खपत होती है. सरकार मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं भी चला रही है ताकि मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो सके. अब देखना ये है कि इस तरह के आयोजन से मछुआरा समाज को कितना फायदा होता है.