लॉकडाउन (Lockdown) में बड़ी-बड़ी कंपनियां मास्क और सेनेटाइजर बनाने का दावा कर रही हैं. देशभर में आज पर्यावरण दिवस भी बनाया जा रहा है. इस बीच राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पेपरमेसी के चर्चित कलाकार ने केले के रेशे से बने कागज से आर्गेनिक मास्क (Mask) तैयार करने दावा किया है. पटना के शरद कुमार का दावा है कि इस पर कोरोना वायरस (Corona Virus) का असर नहीं होता. उन्होंने बताया कि अन्य शोध से ये प्रमाणित है कि केले के तने के जूस में एंटी बेक्टेरियल, एंटी माइक्रोबिय्ल तत्व मौजूद हैं. साथ ही ये इको फ्रेंडली, वेदरप्रूफ एयर ओर्गेनीक है, इसलिये केले के रेशे से बना कागज सबसे सटीक है.
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इसकी अनुमानित लागत 6 से 8 रुपए है. केले के रेशे से इन्होंने कुल 8 प्रकार के विशेष हाथ कागज तैयार किये, जिसमें दो अलग प्रकार के कागज को प्रयोग में लाकर एक व्यवहारिक टेस्ट मास्क तैयार किया गया है. इसका नाम 'ओसेफ' रखा जाना है. इसको तैयार करने में कोई गोंद नहीं लगता, बल्कि हाथ कागज के अलावा स्प्रिंग कॉपर, पायर, टेप, कॉटन पेड, लेटेक्स रबर और धागे का इस्तेमाल करते हैं. हाथ कागज को तीन स्तर में रख कर इसमें पेड के रूप में फिल्टर और मास्क के ठहराव के लिये पतले कॉपर वायर को प्रयोग में लाया जाता है. ये कागज ना तो पानी में फटेगा और ना ही घुलेगा, इसे कपड़े की तरह धोया जा सकता है.
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मास्क की ये हैं खूबियां:
- केले के तने के जूस में एंटी बेक्टेरियल, एंटी माइक्रोबिय्ल तत्व मौजूद हैं, इसलिए ये कागज सटीक विकल्प है.
- कोविड को खत्म करने का सबसे कारगर उपाय हाइड्रोजन पराऑक्साइड है और उस हाथ कागज़ के बनाने में इसका इस्तेमाल होता है, जो वायरस को निष्क्रिय कर देता है.
- प्राकृतिक बास्ट फाइबर, सेलूलोज, लीन्ग्न और प्राकृतिक पॉलिमर के आपसी मेल से ये कागज बनता है, सो ये सांस फूलने जैसी परेशानी से बचाएगा.
- ये कागज ना तो पानी में फटेगा और ना ही घुलेगा. इसे कपड़े की तरह धोया जा सकता है.
- इसे आप बार बार इस्तेमाल कर सकते हैं.
- ये दुनिया का सबसे मजबूत कागज है. झटके से फटेगा नहीं, ये कागज़ वेदर प्रूफ भी है और रोशनी को भी समाहित करेगा.
Source : News Nation Bureau