राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति में सुधार करने की मांग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शिक्षा विरोधी होने का आरोप लगाते हुए राजधानी पटना के मिलर उच्च विद्यालय मैदान में मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठ गए. विपक्षी दल के महागठबंधन में शामिल रालोसपा के प्रमुख कुशवाहा को इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का साथ मिला.
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इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा, 'शिक्षा के विरोधी निरंकुश नीतीश सरकार के विरुद्ध आज संविधान दिवस पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को नमन कर 'शिक्षा सुधार, वरना जीना बेकार' संकल्प के साथ आमरण अनशन शुरू किया है.' कुशवाहा ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार जमीन नहीं दे रही. वहीं नियोजित शिक्षकों के साथ भी अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, ऐसे में इस सरकार को उखाड़ फेंकना जरूरी हो गया है.
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कुशवाहा ने बिहार के सभी राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, गुरुजनों, पत्रकारों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं एवं आमलोगों से 'शिक्षा सुधार, वरना जीना बेकार' संकल्प के साथ आमरण अनशन में सहयोग और समर्थन के साथ आशीर्वाद देने की अपील भी की. उन्होंने नीतीश पर निशाना साधते हुए आगे कहा, 'माना कि उपेंद्र कुशवाहा से आपकी कोई राजनीतिक ईर्ष्या-द्वेष होगी, लेकिन बिहार के लाखों बच्चों के भविष्य से कैसा ईर्ष्या-द्वेष? आज इन नन्हे बच्चों के हाथों में कलम की बजाय 'शिक्षा सुधार, वरना जीना बेकार' की तख्तियां क्यों? अपनी जिद छोड़िए!'
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