उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी पर किया पलटवार, बोले - अध्यक्ष पद के रूप में मुझे थमा दिया गया लॉलीपॉप
उपेंद्र कुशवाहा ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद देकर मुझे लॉलीपॉप थमा दिया गया है. मेरा कोई भी सुझाव नहीं लिया जाता है ना ही मुझे किसी भी सदस्य को चुनने का अधिकार है.
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों पार्टी से नाराज नजर आ रहे हैं. उनके बीजेपी पार्टी में जाने की चर्चा तेजी से हो रही है. पार्टी के तरह से भी उनके खिलाफ बयान दिया गया था ऐसे में अब उपेंद्र कुशवाहा ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद देकर मुझे लॉलीपॉप थमा दिया गया है. मेरा कोई भी सुझाव नहीं लिया जाता है ना ही मुझे किसी भी सदस्य को चुनने का अधिकार है.
मेरा कोई भी सुझाव नहीं लिया जाता
उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मैं था, मगर कोई शक्ति नहीं दी गयी ना मेरा कोई सुझाव लिया गया. मैंने अपनी ओर से सुझाव दिया उस पर भी पार्टी ने कभी भी ध्यान नहीं दिया. हमने सुझाव दिया कि जो राज्यस्तर के नेता हर दिन एक्टिव रहते हैं,उसमे से एक व्यक्ति अतिपिछड़ा समाज का होना चाहिए ताकि लोगों को लगे कि हमारे लोग भी डिसिजन मेकिंग बॉडी में हैं. मैंने ऐसे व्यक्ति को राज्यसभा या विधान परिषद का सदस्य बनाने का सुझाव दिया था.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि माननीय मंत्री का हाल तो आप देख ही रहे हैं. अतिपिछड़ा समाज के लोगों में पार्टी के प्रति आकर्षण अब कम हो गया है. इन लोगों ने मुझे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में सिर्फ झुनझुना नहीं दिया तो फिर क्या है ये, मुझे लॉलीपॉप थमाया गया है. एमएलसी कोई सरकारी नौकरी नहीं है, मैं राजनीति कर रहा हूं. मैं एक राजनीतिक व्यक्ति हूँ, ये पद एक साधन है जिसके जरिये दबे कुचले लोगों के लिए काम किया करते हैं. कोई भी पद एक साधन होता है ना की साधय होता है. उन्होंने कहा कि एमएलसी का पद देकर मुझे लॉलीपॉप थमाया गया है. मुझे किसी पद का मोह नहीं है, मुख्यमंत्री चाहें तो मेरा पद वापस ले सकते हैं. मुझे पद छोड़ने का कोई मलाल नहीं होगा.
HIGHLIGHTS
अध्यक्ष पद देकर मुझे लॉलीपॉप थमा दिया गया - उपेंद्र कुशवाहा
मेरा कोई भी सुझाव नहीं लिया जाता है - उपेंद्र कुशवाहा
मुख्यमंत्री चाहें तो मेरा पद वापस ले सकते हैं - उपेंद्र कुशवाहा