उपेंद्र कुशवाहा की राहें एक बार फिर नीतीश से अलग हो गई है. वो अब नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. दो दिनों की बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया है. बैठक के बाद नई पार्टी बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है. उपेंद्र कुशवाहा ने JDU की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सिंबल और पार्टी के नाम के लिए उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत किया गया है. नई पार्टी का नाम 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' होगा. उपेन्द्र कुशवाहा इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष होगें. इसके साथ ही उन्होंने यह ऐलान कर दिया है कि वो विधानपरिषद की सदस्यता से इस्तीफा देगें. इसी के साथ जदयू की प्राथमिक सदस्यता से भी उपेन्द्र कुशवाहा ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं, बीजेपी के साथ दोस्ती के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीखा है.
मंथन के बाद लिया फैसला
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. मुझे JDU के कार्यकर्ता अपनी परेशानी बता रहे थे. साथी नेताओं से मैंने बेचैनी को लेकर चर्चा की. दो दिनों तक मंथन के बाद हमने लिया फैसला. शुरुआत में लालू प्रसाद को जनसमर्थन मिला था. बाद के दिनों में लालू यादव में भटकाव आ गया. नीतीश कुमार को जनता ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी.
नीतीश कुमार की राह खराब
कुशवाहा ने कहा कि 2005 के बाद नीतीश कुमार को उस विरासत को आगे बढ़ने का काम किया. लोगों में एक उम्मीद जगी. नीतीश कुमार ने अच्छा काम किया, लेकिन अंत में काम बहुत बुरा हुआ. जदयू के लिए बहुत बुरा हो रहा है. 2020 में वे नीतीश कुमार के साथ आ गए. क्योंकि उनको लगा अलग-अलग रहने से बिहार का बुरा होगा. नीतीश कुमार जिस राह पर हैं, वो रास्ता खराब है. नीतीश जी का फैसला पार्टी और जनता के लिए खराब है. मेरे पास जो था सब छोड़कर नीतीश के पास आया. नए गठबंधन के फैसले को भी हमने स्वीकार किया.
RJD पर साधा निशाना
साथ ही RJD से गठबंधन को लेकर भी उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला. कुशवाहा ने कहा कि नए गठबंधन के फैसले को भी हमने स्वीकार किया. नीतीश कुमार के हाथ में गठबंधन होता तो अच्छा होता. ऐसी बात होने लगी कि RJD के हाथ में नेतृत्व होगा.
मुख्यमंत्री ने रखा सब कुछ गिरवी
उपेन्द्र कुशवाह ने कहा कि बिना किसी स्वार्थ के वे नीतीश जी के साथ आये. महागठबंधन बनने से पहले उन्होंने नीतीश कुमार से कमान अपने हाथ में रखने की सलाह दी थी, लेकिन कुछ ही दिन के बाद नीतीश कुमार ने राजद के एक नेता को आगे बढ़ाने की बात करने लगे. इससे उनके साथी चिंतित होने लगे. वैसे लोगों के हाथ में फिर से बिहार की कमान नहीं मिलनी चाहिए. जिसने बिहार के हाथ को मरोड़ने का काम किया. इसको लेकर सीएम से मिलकर चिंता जताई. पार्टी का जनाधार घटने लगा है. अब सीएम के पास कुछ नहीं है तो अब हिस्सा किस बात का मांगें. वो पूरी जायदाद किसी के पास गिरवी रख दिये हैं. सीएम पहले राजनीतिक निर्णय खुद लेते थे, लेकिन अब वो निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है.
विरासत को बर्बाद नहीं होने देंगें
कुशवाह ने कहा कि सीएम अब तक अपना उत्तराधिकारी नहीं बना सके. उनके आस पास बैठने वाले लोग नहीं चाहते कि कर्पूरी ठाकुर के विचार को आगे बढ़या जाये. यही कारण है कि आज उनको पड़ोसी के घर से उत्तराधिकारी खोजना पड़ रहा है. हम लोगों ने तय किया है कि इस विरासत को बर्बाद नहीं होने देंगें. इसी लिए नई पार्टी बनाने का निर्णय लिया है.
RJD से क्या डील हुई, ललन सिंह बताएं
आपको बता दें कि राजधानी पटना के सिन्हा लाइब्रेरी सभागार में उपेंद्र कुशवाहा ने दो दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था. जिसमें बड़ी तादाद में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए. जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ के नेतृत्व में कार्यकर्ता इस बैठक में शामिल हुए थे. जितेंद्र नाथ ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ लोगों से घिर चुके हैं जो उन्हें सही बात की जानकारी नहीं पहुंचने देते. ललन सिंह पर आरोप लगाते हुए जितेंद्र नाथ ने कहा कि ललन सिंह की वजह से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी से दोबारा गठबंधन किया है. ललन सिंह बताएं कि RJD से क्या डील हुई ?
उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी का समर्थन
JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर BJP और RJD नेता का बयान आया है. एक ओर जहां बीजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा के इस कदम का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ RJD ने उपेंद्र कुशवाहा को नसीहत दी है. बैठक को लेकर बेजेपी ने उपेंद्र कुशवाहा का खुल कर समर्थन किया है. बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि JDU में उपेंद्र कुशवाहा के साथ नाइंसाफी हुई है. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का जदयू में विलय हो गया दो दल मिल गए, लेकिन दिल नहीं मिल पाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह दो भाई की लड़ाई है और अगर एक भाई अपनी हिस्सेदारी मांगता है तो इसमें गलत क्या है.
RJD ने दी नसीहत
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को लेकर RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशावाहा को लेकर फैसला लेने का अधिकार JDU के पास है और ये मामला JDU का आंतरिक मामला है. इस दौरान उन्होने कहा कि उप्रेंद्र कुशवाहा को संप्रदायिक पार्टी के साथ नहीं जाना चाहिए.
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HIGHLIGHTS
- JDU की सदस्यता से भी कुशवाहा का इस्तीफा
- उपेंद्र कुशवाहा ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान
- बैठक में नई पार्टी बनाने का प्रस्ताव पास
- सिंबल और नाम के लिए उपेंद्र कुशवाहा अधिकृत
Source : News State Bihar Jharkhand