JDU से बगावत करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी एक अलग 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' पार्टी बना ली है और अब आज वो एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं. जब उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाई थी तब ही कहा था कि पार्टी का कोई उपहार वो अपने पास नहीं रखेंगे ऐसे में आज उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू के तरफ से दिए गए एक और उपहार को वापस करने जा रहे हैं. अपने एमएलसी पद से आज वो इस्तीफा देने जा रहा हैं. उन्होंने पहले ही JDU पार्ट से अलग होने का ऐलान कर दिया था.
अपने पद से देने जा रहे हैं इस्तीफा
दरअसल, पार्टी से बगावत के मूड में दिख रहे उपेंद्र कुशवाहा ने पहले तो पार्टी छोड़ दी और फिर अपनी एक नई पार्टी बना ली. उन्होंने कहा था कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नेतृत्व उन्हें मंजूर नहीं है. जिस जंगलराज का हमने विरोध किया आज उसी के साथ सीएम नीतीश कुमार हैं. वहीं, नई पार्टी के ऐलान के बाद उन्होंने ये भी साफ कर दिया था कि उन्हें जेडीयू के तरफ से मिला कोई भी उपहार अपने पास रखने की जरूरत नहीं है ना ही अब वो रखेंगे ऐसे में आज अपने पद से इस्तीफा देने जा रहा हैं.
जेडीयू से संबंध पूरी तरह से हो जाएगा खत्म
आपको बता दें कि, आज दोपहर 3 बजे तक उपेंद्र कुशवाहा बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप देंगे. वहीं, ये भी उम्मीद जताई जा रही है कि बिना किसी देरी के उनका इस्तीफा विधान परिषद के तरफ से मंजूर कर लिया जाएगा. जिसके बाद उपेंद्र कुशवाहा का संबंध जेडीयू से पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
नीतीश कुमार की राह खराब
कुशवाहा ने कहा था कि 2005 के बाद नीतीश कुमार को उस विरासत को आगे बढ़ने का काम किया. लोगों में एक उम्मीद जगी. नीतीश कुमार ने अच्छा काम किया, लेकिन अंत में काम बहुत बुरा हुआ. जदयू के लिए बहुत बुरा हो रहा है. 2020 में वे नीतीश कुमार के साथ आ गए. क्योंकि उनको लगा अलग-अलग रहने से बिहार का बुरा होगा. नीतीश कुमार जिस राह पर हैं, वो रास्ता खराब है. नीतीश जी का फैसला पार्टी और जनता के लिए खराब है. मेरे पास जो था सब छोड़कर नीतीश के पास आया. नए गठबंधन के फैसले को भी हमने स्वीकार किया.
RJD पर साधा निशाना
साथ ही RJD से गठबंधन को लेकर भी उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला. कुशवाहा ने कहा था कि नए गठबंधन के फैसले को भी हमने स्वीकार किया. नीतीश कुमार के हाथ में गठबंधन होता तो अच्छा होता. ऐसी बात होने लगी कि RJD के हाथ में नेतृत्व होगा.
मुख्यमंत्री ने रखा सब कुछ गिरवी
उपेन्द्र कुशवाह ने कहा था कि बिना किसी स्वार्थ के वे नीतीश जी के साथ आये. महागठबंधन बनने से पहले उन्होंने नीतीश कुमार से कमान अपने हाथ में रखने की सलाह दी थी, लेकिन कुछ ही दिन के बाद नीतीश कुमार ने राजद के एक नेता को आगे बढ़ाने की बात करने लगे. इससे उनके साथी चिंतित होने लगे. वैसे लोगों के हाथ में फिर से बिहार की कमान नहीं मिलनी चाहिए. जिसने बिहार के हाथ को मरोड़ने का काम किया. इसको लेकर सीएम से मिलकर चिंता जताई. पार्टी का जनाधार घटने लगा है. अब सीएम के पास कुछ नहीं है तो अब हिस्सा किस बात का मांगें. वो पूरी जायदाद किसी के पास गिरवी रख दिये हैं. सीएम पहले राजनीतिक निर्णय खुद लेते थे, लेकिन अब वो निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है.
HIGHLIGHTS
- उपेंद्र कुशवाहा अपने पद से देंगे इस्तीफा
- तेजस्वी यादव का नेतृत्व उन्हें मंजूर नहीं है - उपेंद्र कुशवाहा
- सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से मिलकर सौंप देंगे अपना इस्तीफा
Source : News State Bihar Jharkhand