बिहार के गर्भाशय घोटाला मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है. 2011 में लागू हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में घोटाले का ये पूरा मामला है. जिसका शिकार महिलाएं हुई थी. बिना उनकी मर्जी के उनका गर्भाशय निकाल लिया गया था. 2012 में खुलासा हुए इस मामले में अब तक पीड़ित महिलाओं को कंपनसेशन नहीं मिला है. जिसको लेकर आज हाईकोर्ट सवाल पूछेगी कि आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है. राज्य सरकार को आज इसका जवाब देना होगा इसके साथ ही डेटा भी सौंपना होगा.
27 हजार महिलाओं का निकाल गया गर्भाशय
दरअसल, इस पूरे मामले का खुलासा 2012 में हुआ था. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने के लिए ये पूरा घोटला हुआ था. राज्य के अलग अलग अस्पतालों में डॉक्टरों ने अवैध तरीके से ऑपरेशन कर बिना महिलाओं को बताए उनका गर्भाशय निकाल लिया था. लगभग 27 हजार महिलाओं के साथ ऐसा किया गया था. जिसके बाद मानवाधिकार आयोग के समक्ष इस घोटले का खुलासा हुआ था. दायर की गई याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए इस योजना का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया और पैसे की उगाही की गई. इस पूरे घोटाले में डॉक्टरों और बीमा कंपनी की मिलीभगत बताई गई है. दायर की गई याचिका में उनसभी डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है.
2011 में आई थी योजना
आपको बात दें कि 2011 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को लाया गया था. जिसके तहत बीपीएल श्रेणी में आने वाली महिलाओं को 30 हजार रुपए तक का मुफ्त इलाज के लिए कहा गया था. जिसके लिए राज्य के लगभग 350 अस्पतालों को चुना गया था.
HIGHLIGHTS
- गर्भाशय घोटाला मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में घोटाले का पूरा मामला
- 27 हजार महिलाओं का निकाल गया गर्भाशय
- 2011 में आई थी योजना
Source : News State Bihar Jharkhand