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Shukra Gochar 2022: 5 दिसंबर तक वृश्चिक राशि में रहेगा शुक्र, ठंड बढ़ने और बारिश की संभावना

शुक्र ग्रह अपनी राशि से निकलकर वृश्चिक में 5 दिसंबर तक रहेगा. इसका प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ेगा. शुक्र का असर मौसम और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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शुक्र ग्रह अपनी राशि से निकलकर वृश्चिक में 5 दिसंबर तक रहेगा. इसका प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ेगा. शुक्र का असर मौसम और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. शुक्र की चाल में बदलाव का असर कुछ राशियों के लिए फायदेमंद साबित होगा. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि भौतिक सुख-सुविधाओं के ग्रह शुक्र का वृश्चिक राशि में 5 दिसंबर तक रहेगा. शुक्र के राशि परिवर्तन से अष्टलक्ष्मी राजयोग भी बन रहा है. अष्टलक्ष्मी राजयोग का तीन राशियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहेगा. हालांकि अष्टलक्ष्मी राजयोग का सभी राशियों पर प्रभाव रहेगा. इसका प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ेगा. शुक्र का असर मौसम और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. ये पांच दिसंबर तक इस राशि में रहेगा.

10 अंश के अंतर पर अस्त होता है शुक्र
जिस प्रकार किसी भी ग्रह का सूर्य के नजदीक आना उसे अस्त कर सकता है, ठीक उसी प्रकार जब शुक्र ग्रह का गोचर होता है और वह किसी विशेष स्थिति में सूर्य के इतना समीप आ जाता है कि उन दोनों के मध्य 10 अंश का ही अंतर रह जाता है तो शुक्र ग्रह अस्त हो जाता है. ऐसी स्थिति में शुक्र के मुख्य कारक तत्वों में कमी आ जाती है और वह अपने शुभ फल देने में कमी कर सकता है. प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसके जीवन में स्नेह और प्रेम बरकरार रहे और सभी प्रकार के सुख उसे प्राप्त होते रहें. इसके लिए शुक्र ग्रह का मजबूत होना अति आवश्यक है. शुक्र एक कोमल ग्रह है और सूर्य एक क्रूर ग्रह. इसलिए जब शुक्र अस्त होता है तो उसके शुभ परिणामों की कमी हो जाती है और ऐसे में व्यक्ति कई प्रकार के सुखों से वंचित हो सकता है.

भौतिक सुख-सुविधाएं देने वाला ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शोहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है. शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है.

20 नवंबर को होगा शुक्र उदय
वर्तमान समय में शुक्र का तारा अस्त चल रहा है. शुक्र अस्त बीते दो अक्टूबर से है. शुक्र का तारा 20 नवंबर को उदय होगा. इसी के चलते अभी शादियों के शुभ मुहूर्त की तिथि नहीं है. 20 नवंबर को शुक्र उदय होने के बाद शादियों की शुभ तिथियां शुरू होगी. इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में 12 दिन शादियां होगी. 16 से दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा. इस दौरान शादियां बंद रहेगी. नए साल में शादियों की शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद होगी.

ठंड बढ़ने और बारिश की संभावना
शुक्र के राशि परिवर्तन से ठंड बढ़ने और बारिश की संभावना, सोने-चांदी और अन्य धातुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव होने के योग बन रहे हैं. इस ग्रह के राशि बदलने से देश के कुछ हिस्सों में तेज बारिश और कुछ जगहों पर उमस और कम बारिश होगी. धान, अनाज, कपड़े, भौतिक सुविधाएं और खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी बढ़ सकती है. इसके साथ ही राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. प्राकृतिक आपदा की भी आशंका है.

6 राशियों के लिए शुभ समय
शुक्र की चाल में बदलाव होने से कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर और मीन राशि वाले लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा. इन 6 राशियों के नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले लोगों को फायदा हो सकता है. कामकाज की तारीफ होगी और आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं. किस्मत का साथ मिलेगा. दुश्मनों पर जीत मिलेगी. लव लाइफ और दांपत्य जीवन में सुख मिलेगा.

मेष, धनु और कन्या राशि के लिए मिला-जुला समय
शुक्र के राशि परिवर्तन करने से मेष, धनु और कन्या राशि वाले लोगों के लिए मिला-जुला समय रहेगा. इन राशि वालों की सेहत में सुधार होगा लेकिन रोजमर्रा के कामों में रुकावटें आ सकती है. पैसा खर्चा हो सकता है. दांपत्य सुख में कमी आ सकती है. साझेदारी संबंधी मामलों में उलझनें आ सकती हैं. बिजनेस के जरूरी फैसले सोच-समझकर लेने होंगे.

वृष, मिथुन और कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ
शुक्र के राशि बदलने से वृष, मिथुन और कुंभ राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा. इन राशियों के लोगों के फालतू खर्चे बढ़ सकते हैं. दांपत्य सुख में कमी आ सकती है. राज की बातें उजागर हो सकती है. मेहनत बढ़ेगी. अपोजिट जेंडर वालों से संबंध बिगड़ सकते हैं. विवाद और दौड़-भाग भी हो सकती है.

ज्योतिष में अस्त शुक्र ग्रह 
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में शु्क्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है उनके जीवन में सुख, समृद्धि, रोमांस और भोग विलासिता की कोई कमी नहीं होती है. शु्क्र ग्रह को भोर और सांझ का तारा कहा जाता है. ज्योतिष में अस्त शुक्र का मतलब होता है कि जब शुक्र सूर्य के बेहद ही नजदीक आ जाता है, इस कारण से शुक्र की क्षमता सूर्य के प्रभाव के कारण थोड़े दिनों के लिए क्षीण हो जाती है. शुक्र ग्रह करीब 23 दिनों में एक से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं. शुक्र ग्रह का संबंध धन की देवी लक्ष्मी से होता है. ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में शु्क्र की स्थिति कमजोर होती है उन्हें ज्योतिषाचार्य शुक्रवार का व्रत रखने की सलाह देते हैं.

शुक्र के उपाय 
मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें. शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं. चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें. श्री सूक्त का पाठ करें. शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें.

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Source : News State Bihar Jharkhand

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