भागलपुर में पुल टूटने की घटना को लेकर बीजेपी बिहार की महागठबंधन सरकार पर हमलावर हो गई है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार पर हलाला हमला बोला है और सीएम नीतीश का इस्तीफा मांगा है. विजय सिन्हा ने कहा कि ये पुल नहीं बिहार की जनता का विश्वास गिर गया है. दो-दो बार निर्माणाधीन पुल का भर-भराकर गिर जाना प्रमाणित करता है कि भ्रष्टाचार हुआ है. विजय सिन्हा ने कहा कि जब नीयत में खोट है तो नीति कैसे सफल हो सकती है? बिहार में कमीशन मांगने की परंपरा है और पुल गिरना इसी का नतीजा है. विजय सिन्हा ने पुल गिरने के हादसे की न्यायायिक जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच भी होनी चाहिए.
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विजय सिन्हा ने कहा कि, पुल निर्माण के नाम पर यहां भष्ट्राचार चल रहा है. इस पुल के निर्माण के लिए पहले 700 करोड़ निर्धारित किए थे अब पुल का निर्माण कार्य 1600 करोड़ पर पहुंच गया. पहले भी पुल कई बार गिर चुका है और एक बार भागलपुर की तरफ गिरा, अब फिर खगड़िया के तरफ का गिर गया है. विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि नीतीश कुमार में अगर हिम्मत है तो इस मामले का न्यायिक जांच कराएं. सीबीआई से जांच कराए. उन्होंने कहा कि जब नियत में जब खोट हो तो नीति कैसे सफल होगी? नीतीश कुमार ने 2014 में इन्हीं भष्ट्राचारियों से गलबहिया किया था. इन्हीं लोगों के कमीशन के कारण और गुणवत्ता में कमी आई और यही कारण है कि पुल गिर गया. सीएम नीतीश कुमार को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
पुल नहीं बिहार की जनता का विश्वास गिर गया है।
दो-दो बार निर्माणाधीन पुल का भर-भराकर गिर जाना प्रमाणित करता है कि भ्रष्टाचार हुआ है ।
आंधी से गिरने पर इसी पुल को लेकर पूरे देश में बिहार की बदनामी भी हुई थी और आपने जांच का भरोसा भी दिया था लेकिन वो जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई ।… pic.twitter.com/dtFRNaUCCb— Vijay Kumar Sinha (@VijayKrSinhaBih) June 4, 2023
विजय सिन्हा ने कहा कि पुल नहीं बिहार की जनता का विश्वास गिर गया है. दो-दो बार निर्माणाधीन पुल का भर-भराकर गिर जाना प्रमाणित करता है कि भ्रष्टाचार हुआ है . आंधी से गिरने पर इसी पुल को लेकर पूरे देश में बिहार की बदनामी भी हुई थी और आपने जांच का भरोसा भी दिया था लेकिन वो जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई . निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ हुआ है और इसके पीछे कमीशनखोरी है. कुछ खास कम्पनी को ही हर जगह नीतीश कुमार काम क्यों देते हैं ? इसमें व्याप्त प्राक्कलन घोटाला, कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच हों.
सीएम ने दिए जांच के निर्देश
भागलपुर में गंगा नदी पर 1700 करोड़ रुपए की ज्यादा की लागत से बन रहा पुल आज एक रेत की दीवार की तरह भरभरा कर गिर पड़ी और पूरी तरह से ध्वस्त हो गई. बता दें कि गंगा नदी पर भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी के बीच एक फोरलेन पुल बीते नौ साल से बन रहा है. पुल गिरने के मामले को लेकर सूबे की सीएम नीतीश कुमार एक्शन में आ गए हैं. सीएम नीतीश कुमार के हवाले से आईपीआरडी द्वारा जारी की गई सूचना के मुताबिक, खगड़िया - अगुवानी - सुल्तानगंज के बीच निर्माणाधीन महासेतु के सुपर स्ट्रक्चर के ऊपरी हिस्से के टूटकर गिरने की जांच होगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
खगड़िया - अगुवानी - सुल्तानगंज के बीच निर्माणाधीन महासेतु के सुपर स्ट्रक्चर के ऊपरी हिस्से के टूटकर गिरने की होगी जांच l
माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar ने दोषियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करने का दिया निर्देश l pic.twitter.com/y0PykuPoFV
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) June 4, 2023
खगड़िया- अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच निर्माणाधीन महासेतु के सुपर स्ट्रक्चर के ऊपरी हिस्से के टूटकर गिरने की जानकारी मिलने पर सीएम नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत से मामले की विस्तृत जानकारी ली. सीएम ने अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण विभाग को पुल के सुपर स्ट्रक्चर टूटकर गिरने की घटना की विस्तृत जांच कराने और दोषियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
डिप्टी सीएम तेजस्वी ने क्या कहा
मामले को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि आईआईटी रुड़की व अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा मामले की जांच कराई जाएगी कि हादसा कैसे हुआ? हमने नेता विरोधी दल होते हुए इसी पुल के पूर्व में हुए हादसे को लेकर सवाल खड़ा किया था. हमने आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से जानकारी ली थी. रिपोर्ट में पुल निर्माण की खामियों को उजागर किया गया था. जिसके बाद सरकार द्वारा जो चीजें सहीं नहीं थी उसे तोड़े गए थे और हमारी सरकार का निर्णय था की पुल को पूरी तरह से तुड़वाकर फिर से नए सिरे से कार्य को प्रारंभ करेंगे. आईआईटी रुड़की के रिपोर्ट के आधार पर हमने कार्रवाई की थी. हमें आशंका थी कि पुल निर्माण सही से नहीं हो रहा है.
ACS ने क्या कहा?
प्रत्यय अमृत (अपर मुख्य सचिव) इससे पहले जो घटना 30 अप्रेल 2022 को हुई थी. कई सेगमेंट आंधी तूफान में गिर गए थे. उसी समय हमने ये निर्णय लिया गया था कि एक पिलर पर जो कमी दिख रही है, जो कमी आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट में गड़बड़ बताएगी तो हमने बाकी पिलर की जांच के लिए भी उन्हें लिखा. पहली रिपोर्ट के आधार पर हमने 54 सेगमेंट पिलर नंबर 5 के गिरवा दिए. ये सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट है. सीएम नीतीश ने भी 30 अप्रैल को हुई घटना की समीक्षा थी. तभी से हम लोग लगातार इसकी समीक्षा कर रहे थे.
ACS ने कहा कि पुल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक अपने डिजाइन बनाने वाले के साथ मौजूद थे. मुझे बताया गया है कि आईआईटी रुड़की ने अपनी जांच पूरी कर ली गई है. परसे कंस्ट्रक्शन कंपनी के डिजायनर आईआईटी रुड़की के समक्ष अपनी बात रखने के लिए आ रहे थे. आज जो घटना घटी उसकी हमें आशंका थी. हमने पुल के कई चीजों को आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट के आधार पर तोड़ने के लिए कहा था. जैसे हमने पहले गलत चीजों को तोड़ा था आगे भी तोड़ा जाता. हमें पुल की डिजाइन तो लेकर आशंका थी. हमने डिजायन को लेकर जबतक आईआईटी रुड़की से पूरी रिपोर्ट नहीं मिलती तबतक हम आगे नहीं बढ़ते. हमने पहले भी पुल की गलत चीजों को तुड़वाया था और आगे भी तोड़ते.
उन्होंने कहा कि पुल कंस्ट्रक्शन कंपनी के डिजायनर द्वारा उस समय भी कहा गया था कि पुल के किसी भी भाग को तोड़ने की जरूरत नहीं है. लेकिन आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट पर हमें पूरा भरोसा था इसलिए हमने जहां पर आईआईटी रुड़की द्वारा अपनी रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी उसे हमने तोड़ा.
रेत की दीवाल की तरह ढहा पुल
आज फोरलेन पुल ऐसे ढ़हा जैसे इसे ताश के पत्तों से खड़ा किया था. इससे पहले इसी पुलिस का स्ट्रक्चर ध्वस्त हुआ था लेकिन कोई कार्रवाई सरकार के द्वारा नहीं की गई थी बल्कि कंस्ट्रक्शन कंपनी को और समय पुलिस बनाने के लिए दे दिया गया था. 2014 में इस पुल का शिलान्यास सीएम नीतीश कुमार द्वारा ही किया गया था. जिस समय पुल भरभरा कर गिरा उस समय कई लोग पुल पर काम कर रहे थे. कई मजदूरों की हादसे में मौत की आशंका जताई जा रही है हालांकि, अभी तक किसी प्रकार की जनहानि की पुष्टि प्रशासन द्वारा नहीं की गई है.
6 बार निकल चुकी है पुल को बनाने की समय सीमा
इस पुल को बनाने के लिए छह बार समय सीमा निकल चुकी है. सूबे की नीतीश सरकार द्वारा ये कहा गया था कि जून 2023 के अंत तक पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. अब पुल बना तो नहीं बल्कि पूरी तरह से ध्वस्त जरूर हो गया है. हजारों ग्रामीणों के सामने पुल गिरना शुरू हुआ. लोग सकते में आ गये. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस समय पुल गिरना शुरू हुआ उस वक्त उसके उपर कई आदमी काम कर रहे थे. ग्रामीणों के मुताबिक कई लोगों की हादसे में मौत हुई होगी.
पुल कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मेहरबान है सरकार
बिहार सरकार ने अगुवानी घाट पुल को बनाने का जिम्मा एसपी सिंगला कंपनी को दे रखा था. बता दें कि बीते वर्ष 30 अप्रैल, 2022 को भी इसी पुल के पाया संख्या 405 और 406 के बीच सुपर स्ट्रक्चर हवा के झोंके में गिर गया था. तब भी कई सवाल खड़े हुए थे लेकिन सरकार ने कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की थी बल्कि पुल बनाने के लिए उसे और समय दे दिया था.
HIGHLIGHTS
- भागलपुर में पुल टूटने का मामला
- विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार पर बोला करारा हमला
- सीएम नीतीश से नैतिकता के आधार पर मांगा इस्तीफा
- कहा-बिहार में होती है कमीशनबाजी, सरकार की नियत में है घोट
Source : News State Bihar Jharkhand