कानपुर कांड के दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है, उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे लेकर यूपी आ रही थी कि बीच रास्ते में जिस गाड़ी से उसे लाया जा रहा था, वो दुर्घटनाग्रस्त हो गई. पुलिस ने बताया कि विकास दुबे घायल पुलिसकर्मियों का हथियार छीनकर भाग रहा था और एनकाउंटर में मारा गया. विकास दुबे की गिरफ्तारी और एनकाउंटर मामले में बिहार के छपरा जिले के मनोज सिंह का नाम भी चर्चा में है.
बिहार के मनोज ने किया कमाल, यूपी पुलिस हो गई है मुरीद
उत्तर प्रदेश सरकार बिहार के मनोज की काबिलियत की मुरीद हो गई है. बता दें उज्जैन में विकास दुबे को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम के नेतृत्वकर्ता मनोज सिंह बिहार के छपरा जिले के मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव निवासी स्वर्गीय शिव रतन सिंह के पुत्र हैं और वर्तमान समय में उज्जैन में पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं. विकास दुबे उत्तर प्रदेश से भागकर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के महाकाल मंदिर जा पहुंचा, वहां मनोज सिंह ने इस कुख्यात को धर दबोचा है.
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बिहार के इन सुरक्षाकर्मियों ने भी निभाई बड़ी भूमिका
विकास दुबे को पकड़ने में सबसे बड़ी भूमिका एसआइएस इंडिया लिमिटेड के सुरक्षाकर्मी लाखन यादव और उसके साथियों की रही. लाखन ने सतर्कतापूर्वक न केवल विकास की पहचान की, बल्कि उसे पकड़ने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी.
लाखन और मोहित को सम्मानित करेगी एसआइएस
एसआइएस के प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा ने कानपुर कांड के दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वहां तैनात अपने जांबाज सुरक्षा गार्ड की बहादुरी और साहस को सलाम किया है.
सिन्हा ने कहा कि जिस विकास दुबे की तलाश देश के सभी राज्यों की पुलिस कर रही थी, उसे एसआइएस के निजी सुरक्षागार्ड ने दबोच लिया. उन्होंने अपने दोनों जांबाज सुरक्षा गार्डों की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि उनका यह कारनामा देश में निजी सुरक्षा को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा हमारे सुरक्षा गार्डों ने मध्य प्रदेश पुलिस की बड़ी मदद की है.
Source : News Nation Bureau