बिहार से आए दिन स्वास्थ्य विभाग को लेकर सवाल उठते रहते हैं. कभी मरीज को रिक्शे पर तो कभी ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचाया जाता है तो कभी मरीजों के साथ धांधली तो कभी डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती रहती है. इतना ही नहीं खुद सीएम नीतीश कुमार के गृहनगर नालंदा से भी कई बार ऐसी खबर आ चुकी है, जहां गर्भवती पत्नी को प्रसव के लिए पति ठेले पर लेकर अस्पताल पुहंचा. एक बार फिर बिहार के जिले लखीसराय से ऐसी खबर सामने आ रही है, जो प्रशासन और स्वास्थ्य कर्मियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि बार-बार वीडियो वायरल होने के बाद भी प्रशासन इसकी सूद नहीं ले रहा.
नजराना नहीं दिया तो ढंग से नहीं होगा इलाज एक बार फिर एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. यह वीडियो लखीसराय के सदर अस्पताल का बताया जा रहा है, जिसमें देखा जा रहा है कि प्रसव के नाम पर अस्पतालकर्मी खुलेआम परिजनों से नजराना मांग रहे हैं और इसके साथ यह भी कह रहे हैं कि अगर नजराना नहीं दिया तो ढंग से काम नहीं होगा.
प्रशासन कार्रवाई के नाम पर कर रही खानापूर्ति बता दें कि जिले में भ्रष्टाचार काफी व्यापक पैमाने पर पहुंच चुका है, जिसका आए दिन लगातार खुलासा होते रहता है, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन के तरफ से कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है. वहीं, बीते कुछ दिनों पहले सदर अस्पताल लखीसराय में प्रसव कराने पहुंचे मरीज के परिजन से अस्पताल में तैनात महिला नर्स कर्मी ने पैसे की मांग की. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रति महिला एक ₹1000 की मांग की गई थी. वहीं, दूसरी ओर ऐसे मामलों में पहले भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है, लेकिन कार्रवाई की बात करें तो प्रशासन यहां पर हर बार फेल दिखाई पड़ती है.
प्रसव कराने पहुंचे मरीजों को देना होता है नजराना जिले में सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पहुंच रहे हर मरीजों को पहले नजराना देना होता है. वहीं, जब इस वायरल वीडियो के बारे में लखीसराय सिविल सर्जन से पूछा गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि सही पाया गया तो उस पर कार्रवाई भी करेंगे, लेकिन यह देखना भी दिलचस्प होगा कि कार्रवाई के नाम पर क्या कुछ होता है या फिर सिर्फ खानापूर्ति करके छोड़ दी जाती है.