भागलपुर में NTPC का एक एक्सपेरिमेंट इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इस एक्सपेरिमेंट में राख से सड़क का निर्माण किया जा रहा है. राख से सड़क बनाई जा सकती है ये सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा है, लेकिन ये कारनामा कर दिखाया है भागलपुर के कहलगांव एनटीपीसी ने. जिसके परिसर में आज तीन किलोमीटर की सड़क, कैमिकल वाले राख से बनाई जा रही है. जिले के कहलगांव एनटीपीसी में लंबे अरसे से लगा राखों का अंबार जी का जंजाल बन गया था. राख की वजह से आस-पास के लोग कई तरह की सांस की परेशानी से जूझ रहे थे. वायु प्रदूषण भी चरम पर था. इन राखों को खपाने की कोशिश भी खूब हुई.
बर्बाद राख से बनी सड़क
ईंटों का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन ईंट की खराब क्वालिटी के चलते ये योजना धराशाई हो गई. जिसके बाद एनटीपीसी के अधिकारियों ने राख से सड़क बनाने की सोची. दरअसल आंध्र प्रदेश के रामागुंडम में एनटीपीसी और स्टील फैक्ट्रीयों की ओर से जियो पॉलीमर की 2 किलोमीटर दूरी की पायलट सड़क बर्बाद राख से ही बनाई गई. ठीक उसी तर्ज पर भागलपुर एनटीपीसी भी अपने कैंपस में लगभग 3 किलोमीटर का सड़क बनावा रही है.
काफी मजबूत सड़क
बिहार से सटे पड़ोसी राज्य झारखंड में भी एनटीपीसी की ओर से 9 किलोमीटर की सड़क का निर्माण राख से की जा रही है. सड़क निर्माण को लेकर एनटीपीसी के इंजीनियर्स का दावा है कि एनटीपीसी से निकले राख से बनने वाली सड़क काफी मजबूत होगी. जो कम से कम 10 सालों तक चलेगी. हालांकि फिलहाल कंपनी इस केमिकल सड़क को पायलट प्रोजेक्ट के तर्ज पर अंडर ट्रायल में रखेगी. जिसकी गुणवत्ता जांच करने के बाद ही ये सरकार को हैंड ओवर किया जाएगा.
अगर NTPC का ये एक्सपेरिमेंट काम कर गया तो ये एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी. क्योंकि इसके बाद फैक्ट्रियों से निकलने वाले कैमिकलवाले राख को खपाने के लिए पैसों का खर्च नहीं होगा और तो और सड़क निर्माण भी कम लागत में हो सकेगी.
रिपोर्ट : आलोक कुमार झा
HIGHLIGHTS
- राख से हो रहा सड़क का निर्माण
- राख के ढेर से लोगों को मिली राहत
- अनोखे एक्सपेरिमेंट होता कितना कारगर?
Source : News State Bihar Jharkhand