भारत में H3N2 वायरस तेजी के साथ पैर पसार रहा है और अब बिहार में भी इसने दस्तक दे दी है. बिहार की राजधानी पटना में एक महिला वायरस से संक्रमित मिली है. वहीं, बिहार सरकार ने स्वास्थ्य महकमें को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है और वायरस से निबटने के लिए हर संभव जरूरी कदम उठाने एवं तैयारियों को पूरा करने का भी निर्देश दिया है. स्वास्थ्य समिति ने वायरस की रोकथाम को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है और एडवाइजरी सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भी भेजा गया है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि H3N2 वायरस की पहचान क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है और किसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
क्या है H3N2?
H3N2 एक प्रकार का इफ्लूएंजा वायरस है इसे इफ्लूएंजा 'ए' वायरस भी कहा जाता है. ये सांस संबंधित वायरल है और इससे सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा और लंग्स इन्फेक्शन के मरीजों के अलावा बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों को है. ऐसे में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की विशेष केयर करने की जरूरत है.
H3N2 के लक्षण
-एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक तेज बुखार
-लंबे समय तक खासी रहना
-बलगम की परेशानी
-नाक से पानी आना
-सिर में दर्द रहना
-उल्टी जैसा महसूस होना
-भूख कम लगना
-शरीर में दर्द बने रहना
H3N2 से बचाव
-खांसते, छींकते समय नाक-मुंह को अच्छी तरह से कवर करें
-हाथों को नियमित अंतराल पर पानी एवं साबुन से धोते रहे
-स्वंय को हाइड्रेट रखें
-पानी, फ्रूट, जूस और अन्य तरल पेय पदार्थ नियमित अंतराल पर लेते रहे
-नाक-मुंह छूने से बचें
-बुखार की स्थिति में पैरासिटामोल लें
-डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स बिल्कुल भी ना लें
-सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें
HIGHLIGHTS
- H3N2 वायरस से बचाव के तरीके
- बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की जरूरत
- बिहार स्वास्थ्य विभाग ने जारी की वायरस को लेकर एडवाइजरी
Source : News State Bihar Jharkhand