बिहार पहुंची चुनाव आयोग के टीम की अगुवाई मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा कर रहे हैं. बुधवार की सुबह से इस टीम ने बिहार के अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर सलाह ली. जद यू के शीर्ष नेताओं ने सबसे पहले की मुलाकात. जद यू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा हमने चुनाव प्रचार के तरीके पर सलाह दी.अगर चुनावी सभा की इज़ाजत है तो भीड़ नेता को देखने नहीं आयेगी ये कैसे सुनिश्चित हो. 15 लोग ही उम्मीदवार के साथ घूमेंगे लेकिन वहां भीड़ होगी तो क्या होगा. फिर तो आयोग प्रत्याशी पर कारवाई करेगी.
80 वर्ष से ज्यादा उम्र के वोटर को पोस्टल बैलेट की सुविधा की बात आयोग ने कही है. वहीं दूसरी ओर 12 D फोरम उनके लिये भरना अनिवार्य होगा. जेडीयू की सलाह इसके लिए भी पहल करे. बुजुर्ग इस संक्रमण काल में कैसे फॉर्म भरने निकले.
कांग्रेस टीम ने चुनाव आयोग से कहा-हर 10 बूथ पर मेडिकल टीम बनाई जाए
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर कहा कि हर 10 बूथ पर मेडिकल टीम बनाई जाए. चुनाव प्रचार के लिए मैदान और स्थान आवंटन के लिए जो पहले आवेदन दे उन्हें पहले अलॉटमेंट सुनिश्चित किया जाए. सोशल मीडिया और मीडिया पर प्रचार और दुष्प्रचार की रोकथाम के लिए एक सर्विलांस टीम बनाई जाए.
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बीजेपी ने चुनाव आयोग को कहा- शांतिपूर्ण मतदान हो
भाजपा प्रदेश महामंत्री जनक राम के नेतृत्व में 6 सदसीय प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया है कि बिहार में शांतिपूर्ण मतदान हो. बाढ़ प्रभावित जिलों में मतदान के 24 घंटे पहले नाव परिचालन को रोका जाए. गरीब गुरबों के घर पर पुलिस बल तैनात किया जाए. ताकि उन्हें पैसे के दम पर दिग्भ्रमित नहीं किया जाए. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से सांसद मनोज झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल पहुंचा. इन्होंने सबसे पहला सुझाव यह दिया की कोविड के चलते सोशल डिस्टनसिंग लागू रहें. इसके लिए मतदान केंद्रों पर 750 वोटरों को वेटिंग की व्यवस्था हो.
चुनावी प्रचार के दौरान 5 सदस्यों की लिमिटेशन को बढ़ाया जाए
आयोग को इसके लिए यदि मोबाइल बूथ बनाने की जरूरत पड़े तो वह किया जायेग. दूसरा सुझाव यह है कि मतदान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक करवाया जाए. चुनावी प्रचार के दौरान 5 सदस्यों की लिमिटेशन को बढ़ाया जाए. यदि इस दौरान स्वस्फूर्त लोग नेताओ के साथ जुड़ेंगे तो क्या नेता पर कार्रवाई होगी. इसे देखा जाए.
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सोशल मीडिया के दुरुपयोग करने वाले लोगो पर त्वरित कार्रवाई की जाए
सोशल मीडिया के दुरुपयोग करने वाले लोगो पर त्वरित कार्रवाई की जाए. सत्ताधारी दलों के चुनावी खर्च पर विशेष ध्यान दिया जाए. कई पार्टी हजारों रुपए का मंच पर खड़े होकर चुनावी प्रचार करते हैं. इसके लिए एक्सपेंडिचर अफसरों को अलर्ट पर रखा जाए.
आयोग ने सभी की बातों को गम्भीरता से सुना है और अब निर्णय आयोग अपनी समीक्षा के बाद लेगा.
Source : News Nation Bureau