Nitish Kumar: नीति आयोग की हालिया बैठक को लेकर कई विवाद सामने आए हैं. एक तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चर्चा में हैं, तो दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी चर्चा हो रही है. इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां जोरदार बयानबाजी कर रही हैं.
ममता बनर्जी और नीतीश कुमार की अनुपस्थिति
आपको बता दें कि आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई कहासुनी के कारण ही नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए. वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिबरेशन ने दावा किया कि बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा न मिलने से नीतीश कुमार बैठक में नहीं गए.
भाकपा (माले) का बयान
वहीं भाकपा (माले)-एल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर विशेष पैकेज को लेकर 'भ्रामक' दावों की आलोचना की और अगले महीने विरोध मार्च निकालने की घोषणा की. पार्टी नेता महबूब आलम ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने के कारण बैठक का बहिष्कार किया.
झारखंड चुनाव की तैयारी में नीतीश कुमार
नीति आयोग की बैठक के दिन नीतीश कुमार झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए पटना में पार्टी की बैठक कर रहे थे. जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि इस बार भी दोनों उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुए थे. नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर जेडीयू के नेताओं ने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया.
ममता बनर्जी के आरोप
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक के दौरान बीच में ही बाहर निकल गई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें भाषण के दौरान रोका गया. हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था.
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी पार्टियों ने इन घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्यों की आवाज को दबा रही है और केंद्रीय सत्ता के खिलाफ असहमति को बर्दाश्त नहीं कर रही है.