बिहार कैडर के IPS आदित्य कुमार ने नटवरलाल बन कुछ ऐसा किया, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. एक आईपीएस ऑफिसर ने सिर्फ अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े केस को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट का फर्जी चीज जस्टिस ही बन गया. इतना ही नहीं आदित्य ने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर इसकी पूरी प्लानिंग की और फिर चीज जस्टिस बन DGP एसके सिंघल को फोन कर केस खत्म करने की वकालत की. वह भी एक कॉल नहीं बल्कि 40 से 50 बार कॉल कर आदित्य ने ऐसा किया. जैसे ही मामले का खुलासा हुआ, आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार सहित उनके दोस्त अभिषेक व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया. फिलहाल आदित्य फरार हैं. इनके खिलाफ IPC की धाराएं 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 B और आईटी एक्ट की 66 C और 66 D के तहत केस दर्ज किया गया है.
ऐसे रची थी साजिश
सितंबर में आदित्य ने अपने दोस्त अभिषेक के साथ मिलकर प्लान तैयार किया. इसके लिए वह कई बार बोरिंग रोड स्थित एक रेस्तरां में बैठक हुई. जिसके दौरान साजिश के तहत चीफ जस्टिस के नाम पर DGP को फोन करवाने की योजना बनाई गई. नंबर से खुलासा हुआ है कि यह सिम राहुल के नाम पर लिया गया, जिसके बाद राहुल रंजन और अभिषेक जायसवाल दोनों कथित तौर पर दोस्त बताए जा रहे हैं. घटना को अंजाम देने के लिए नया मोबाइल फोन भी खरीदा गया और उसी फोन से DGP को फोन किया जाने लगा.
पूछताछ में सामने आई सच्चाई
पूछताछ में अभिषेक ने कई राज खोले, उसने बताया कि कैसे अभिषेक को एक केस से बचाने के लिए चीफ जस्टिस बनकर DGP को फोन करता था. वहीं अभिषेक के पास से कई सारे फोन के साथ 9 सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि अभिषेक पहले भी जेल जा चुका है.
Source : Vineeta Kumari