Jitan Ram Manjhi On Special Status: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरानी मांग फिर से उभर रही है. नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), ने इस मुद्दे पर जोर देना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चिराग पासवान ने भी इस मांग का समर्थन किया है. जेडीयू और लोजपा, दोनों का मानना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.
जीतनराम मांझी का विरोध
हालांकि, इस मांग के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथी जीतनराम मांझी ने अपनी राय स्पष्ट की है. हाजीपुर में खादी उद्योग के एक कार्यक्रम में पहुंचे मांझी ने स्पष्ट कहा कि ''विशेष दर्जे की मांग करना पत्थर पर सिर पटकने जैसा है.'' उन्होंने बिहार के नेताओं को सलाह दी कि यह मांग बेमानी है और इसका कोई मतलब नहीं है.
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नीति आयोग का स्पष्ट रुख
आपको बता दें कि मांझी ने अपने बयान में नीति आयोग का हवाला देते हुए कहा कि आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार के लिए इस मांग का कोई औचित्य नहीं है. मांझी ने कहा कि बिहार एक गरीब प्रदेश है और इसे धन की आवश्यकता है, लेकिन विशेष राज्य का दर्जा मिलना संभव नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशें
वहीं मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों की सराहना की, जो गरीब प्रदेशों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से बिहार को जो भी मदद संभव होगी, वह प्रदान की जाएगी. मांझी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गरीब प्रदेशों के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं और बिहार को भी इसका फायदा मिल रहा है.
राजनीतिक प्रतिक्रिया और बहस
मांझी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है. विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बिहार के नेताओं में मतभेद स्पष्ट हो गए हैं, जहां जेडीयू और लोजपा इस मुद्दे को उठाकर बिहार के विकास के लिए जोर दे रहे हैं, वहीं मांझी जैसे नेता इसे बेकार मान रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- बिहार के नेताओं को ऐसा क्यों बोले जीतन राम मांझी?
- बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का है मुद्दा
- सियासी गलियारों में हलचल तेज
Source : News State Bihar Jharkhand